जापान के नोडा क्षेत्र के तट से दूर बुधवार को रिक्टर पैमाने पर 6.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने इस भूकंप की पुष्टि की है। यह कंपन लगभग 19.3 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिसके चलते जमीनी स्तर पर इसके प्रभाव को काफी हद तक कम कर दिया गया।
सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि फिलहाल किसी भी तरह की जनहानि या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है। जापानी भूवैज्ञानिक और संबंधित एजेंसियां स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही हैं ताकि भविष्य में किसी भी संभावित खतरे का आकलन किया जा सके। राहत की बात यह है कि इस भूकंप के कारण किसी भी सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई है, और सामान्य स्थितियाँ बनी हुई हैं।
यह घटना 8 दिसंबर को जापान के तट पर आए 7.5 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के कुछ ही हफ्तों बाद हुई है। उस विनाशकारी भूकंप में करीब 30 लोग घायल हुए थे और लगभग 90,000 लोगों को अपने घरों से निकालना पड़ा था। उस समय, जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने होक्काइडो, आओमोरी और इवाते जैसे पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की थी, और कुछ बंदरगाहों पर 20-70 सेमी ऊंची लहरें देखी गई थीं।
जापान दुनिया के उन देशों में से है जहां भूकंप का खतरा सबसे अधिक है। प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित होने के कारण, यह क्षेत्र अक्सर भूकंपीय गतिविधियों का अनुभव करता है। दुनिया भर में आने वाले 6.0 या उससे अधिक तीव्रता के कुल भूकंपों का लगभग 20% हिस्सा जापान और उसके आसपास दर्ज किया जाता है। 2011 में पूर्वोत्तर जापान में आया 9.0 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद आई विनाशकारी सुनामी, जो लगभग 20,000 लोगों की मौत का कारण बनी, इसका सबसे भयानक उदाहरण है।
