बांग्लादेश में 25 दिसंबर को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है, जिसके चलते जर्मनी के दूतावास ने 24 और 25 दिसंबर को अपनी सेवाएं निलंबित कर दी हैं। वहीं, अमेरिकी दूतावास ने इसी दिन के लिए एक खास सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। इन कदमों से यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इस खास तारीख को बांग्लादेश में क्या होने वाला है?
जर्मन दूतावास ने अपने परिचालन को दो दिनों के लिए बंद करने के फैसले का कोई खास कारण नहीं बताया है। लेकिन, अमेरिकी दूतावास ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया है कि 25 दिसंबर को ढाका में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) द्वारा एक बड़ी जनसभा आयोजित की जा रही है। यह सभा पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान के स्वागत के उपलक्ष्य में रखी गई है।
अमेरिकी दूतावास के अनुसार, यह रैली 25 दिसंबर को सुबह 11:45 बजे हज़रत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से शुरू होकर पुरबचल एक्सप्रेसवे होते हुए गुलशन तक जाएगी। इस कारण भारी ट्रैफिक जाम की संभावना है, जिससे आम जनता को यात्रा में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। दूतावास ने यात्रियों को अतिरिक्त समय लेकर यात्रा करने और वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करने की सलाह दी है। साथ ही, हवाई अड्डे के यात्रियों से आग्रह किया है कि वे अपना टिकट और पहचान पत्र साथ रखें, क्योंकि सुरक्षा जांच के दौरान इनकी आवश्यकता पड़ सकती है।
यह घटनाक्रम पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों द्वारा हाल ही में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी के निधन पर शोक व्यक्त किए जाने के बाद आया है। ऐसे में, जर्मनी और अमेरिका का 25 दिसंबर को लेकर विशेष सतर्क होना कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दे रहा है।
**तारीक रहमान की वापसी और बीएनपी की योजना**
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान 25 दिसंबर को बांग्लादेश वापसी की योजना बना रहे हैं। उन्होंने लंदन स्थित बांग्लादेश उच्चायोग में इसके लिए आवेदन भी किया है। बीएनपी ने सोशल मीडिया पर घोषणा की है कि तारिक रहमान 25 दिसंबर को सुबह 11:45 बजे ढाका के हज़रत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेंगे।
तारिक रहमान, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया और दिवंगत राष्ट्रपति जियाउर रहमान के पुत्र हैं। वे 2007 में भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार हुए थे और 2008 में इलाज के लिए ब्रिटेन चले गए थे, जहाँ वे तब से निर्वासित जीवन जी रहे हैं। उनकी पत्नी, जुबैदा रहमान, हाल ही में लंदन लौटी हैं।
बीएनपी, जो बांग्लादेश का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है, पिछले कुछ चुनावों में भाग नहीं ले पाई है। इस बार, अगले आम चुनावों में उनकी संभावित वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं।
**उस्मान हादी की मृत्यु और पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया**
हाल ही में, इंकिलाबी मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी की बांग्लादेश में हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद, देश के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़की। उनकी मृत्यु पर अमेरिका, जर्मनी और यूरोपीय संघ के देशों ने गहरी संवेदना व्यक्त की। कुछ पर्यवेक्षकों, जैसे पूर्व भारतीय विदेश सचिव कंवल सिब्बल, ने पश्चिमी देशों की इस प्रतिक्रिया को असामान्य बताया है। सिब्बल ने संकेत दिया कि हादी के इस्लामी झुकाव और भारत-विरोधी रुख को देखते हुए, उनकी मृत्यु पर पश्चिमी दूतावासों की प्रतिक्रिया एक विशेष राजनीतिक संदेश दे सकती है, जो भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
इन घटनाक्रमों के बीच, बांग्लादेश में रूस के राजदूत ने भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
**भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव**
पिछले कुछ समय से भारत और बांग्लादेश के कूटनीतिक संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। हाल ही में, नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर एक विरोध प्रदर्शन को लेकर दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया था। बांग्लादेश ने विरोध प्रदर्शन को “भ्रामक प्रचार” बताने के भारत के कदम को अस्वीकार्य बताया। इस घटनाक्रम ने 25 दिसंबर जैसे महत्वपूर्ण दिन से पहले दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर किया है।
