बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव और हिंसा का माहौल है। उस्मान हादी, जो सरकार विरोधी प्रदर्शनों के एक प्रमुख चेहरे थे, की सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत के बाद देशभर में, खासकर ढाका में, विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। सरकार ने नागरिकों से संयम बरतने और शांति बनाए रखने की अपील की है।
**उस्मान हादी की मौत और उसके बाद की घटनाएँ:**
शरीफ उस्मान हादी को पिछले हफ्ते ढाका के बिजोयनगर इलाके में गोली मारी गई थी। गंभीर रूप से घायल होने पर उन्हें पहले स्थानीय अस्पताल और फिर सिंगापुर ले जाया गया, जहाँ छह दिनों तक जीवन से संघर्ष करने के बाद शुक्रवार को उन्होंने अंतिम साँस ली। हादी ‘इंकलाब मंच’ के संयोजक थे और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
**ढाका में उग्र प्रदर्शन और अराजकता:**
हादी की मौत की खबर फैलते ही ढाका में विरोध प्रदर्शन उग्र हो गए। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और कई जगहों पर हिंसा की घटनाएँ हुईं। शुक्रवार को ढाका में दो प्रमुख समाचार पत्रों के कार्यालयों में आग लगा दी गई। शाहबाग चौराहे के आसपास प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई, जिससे यातायात बाधित हो गया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे भी लगाए और राजनयिक मिशनों के पास पथराव किया।
**सरकार का जवाब और सुरक्षा व्यवस्था:**
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने नागरिकों से शांति की अपील की है और कहा है कि कुछ तत्व स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, सीमा गार्ड बांग्लादेश (BGB) को ढाका के संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। इसमें हवाई अड्डा, कारवान बाजार और होटल इंटरकांटिनेंटल जैसे महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि हादी के सम्मान में शनिवार को राजकीय शोक मनाया जाएगा।
**अन्य हिंसा की घटनाएँ:**
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की सुबह से हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है। हालांकि, गुरुवार रात को चटोग्राम में सहायक भारतीय उच्चायुक्त के आवास पर पथराव की घटना हुई थी, जिसे पुलिस ने बलपूर्वक तितर-बितर कर दिया और कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। एक अलग घटना में, मयमनसिंह में ईशनिंदा के कथित आरोप में एक व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई। सरकार ने इस कृत्य की निंदा की है और अपराधियों को पकड़ने का आश्वासन दिया है।
