पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना-II भ्रष्टाचार मामले में 17 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। इस फैसले के खिलाफ वह जल्द ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट का रुख करेंगे। इमरान खान ने जेल से ही देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान भी किया है।
यह फैसला इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी उपहारों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में आया है। खान, जो पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक हैं, वर्तमान में जेल में हैं और सीधे सोशल मीडिया का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
उनके वकील द्वारा साझा किए गए संदेश के अनुसार, खान ने कहा है कि यह फैसला अप्रत्याशित नहीं था। उन्होंने अपने कानूनी दल को तुरंत हाईकोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया है। खान ने कहा, “पिछले तीन सालों के बेबुनियाद फैसलों और सज़ाओं की तरह, तोशाखाना-II का फैसला भी मेरे लिए कोई नई बात नहीं है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि जज ने बिना सबूत और कानूनी औपचारिकताएं पूरी किए जल्दबाजी में यह फैसला सुनाया है।
खान ने आरोप लगाया कि सुनवाई के दौरान उनके वकीलों को बोलने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कानूनी समुदाय से कानून और संविधान के सम्मान के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया है।
पीटीआई ने इस सजा को “संविधान के विपरीत, अवैध, दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक प्रतिशोध का एक घिनौना कृत्य” करार दिया है।
तोशाखाना-II मामला 2021 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से मिले एक महंगे हीरे के आभूषणों की खरीद से संबंधित है। आरोप है कि इमरान खान ने इन कीमती उपहारों को सरकारी खजाने के बजाय बहुत कम कीमत पर अपने नाम कराया था।
यह फैसला संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की विशेष अदालत के न्यायाधीश शाहरुख अर्जुनंद ने अडियाला जेल के अंदर ही सुनाया। इमरान खान को पाकिस्तान दंड संहिता के तहत 10 साल और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 7 साल की कठोर सजा दी गई है। बुशरा बीबी को भी इसी तरह की सजा सुनाई गई है।
दोनों पर 1.64 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की रकम जमा न करने पर दोनों को अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है। अदालत के फैसले में इमरान खान की उम्र और बुशरा बीबी के महिला होने का हवाला देते हुए कहा गया है कि इन बातों को ध्यान में रखकर सजा में नरमी बरती गई है।
