पाकिस्तान में एक अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहाँ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के हजारों समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं। उनका गुस्सा सेना प्रमुख जनरल असिम मुनीर के खिलाफ केंद्रित है। रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल के बाहर से लेकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के पहाड़ी इलाकों तक, यह विरोध प्रदर्शन इमरान खान की रिहाई की मांग कर रहा है। समर्थकों का आरोप है कि मुनीर की सेना निर्दयता से प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, अदियाला जेल के बाहर एकत्र हुए लोगों पर “रसायन युक्त पानी” का इस्तेमाल किया गया, जबकि पाकिस्तान की वर्तमान सरकार इस गंभीर स्थिति पर चुप्पी साधे हुए है। इमरान खान के पुत्रों, कासिम और सुलेमान ने अपने पिता की हालत को लेकर चिंता जताई है, दावा करते हुए कि उन्हें एक “कालकोठरी” (डेथ सेल) में कैद किया गया है।
यह विरोध केवल रावलपिंडी तक सीमित नहीं है, बल्कि पीओके के रावलकोट में भी हजारों लोग बिजली की भारी कटौती, इंटरनेट सेवाओं के निलंबन और “स्थानीय संसाधनों के दोहन” के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। यह जगजाहिर है कि पीओके में उत्पन्न बिजली का अधिकांश हिस्सा पाकिस्तान को भेजा जाता है, जिसके कारण वहां के निवासियों को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ता है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पाकिस्तान को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में, भारत ने पाकिस्तान की स्थिति को “संवैधानिक तख्तापलट” करार दिया और देश के आंतरिक अस्थिरता और आतंकवाद के प्रति उसके समर्थन के गंभीर परिणामों की ओर इशारा किया।
