नई दिल्ली: भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच एक बड़े हवाई युद्धाभ्यास ने पड़ोसी देश पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास कराची के तट के करीब अरब सागर में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत के अत्याधुनिक सुखोई-30MKI और जगुआर लड़ाकू विमान, फ्रांस के राफेल और UAE के मिराज लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं।
यह अभ्यास, जो 10 दिसंबर को शुरू हुआ और 11 दिसंबर तक चलेगा, तीनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसका एक प्रमुख कारण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा संतुलन बनाए रखना भी है।
भारतीय वायु सेना ने इस अभ्यास के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। गुजरात के जामनगर और नलिया एयरबेस से संचालित हो रहे भारतीय बेड़े में IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलिंग विमान और AEW&CS (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल) जैसे महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं। ये प्लेटफॉर्म लंबी दूरी तक मिशन को अंजाम देने और वास्तविक समय में सामरिक जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
फ्रांस और UAE ने भी अपने राफेल और मिराज लड़ाकू विमानों के साथ-साथ आवश्यक सहायक विमानों को अल धफरा एयर बेस से भेजा है। यह युद्धाभ्यास गहन लड़ाकू युद्धाभ्यास और सामरिक मिशनों का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन है।
यह ध्यान देने योग्य है कि अभ्यास क्षेत्र पाकिस्तान के कराची तट से लगभग 200 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित है। यह भौगोलिक निकटता इस अभ्यास को और अधिक सामरिक महत्व प्रदान करती है।
यह पहली बार नहीं है जब ये तीनों देश मिलकर हवाई अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने दिसंबर 2024 में ‘डेजर्ट नाइट’ नामक एक समान अभ्यास का आयोजन किया था। यह दूसरा मौका है जब वे अपनी समन्वित हवाई युद्ध क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारत की इस तरह की सैन्य कूटनीति खाड़ी देशों के साथ उसके बढ़ते रक्षा संबंधों का एक हिस्सा है। फ्रांस, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी भारत के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के संयुक्त सैन्य अभ्यास न केवल भाग लेने वाले देशों की युद्ध क्षमताओं को बढ़ाते हैं, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह अभ्यास भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति और उसके रणनीतिक सहयोगियों के साथ मजबूत होती साझेदारी को भी दर्शाता है।
वायु शक्ति के अलावा, भारत ने नौसेना के क्षेत्र में भी फ्रांस और UAE के साथ सहयोग बढ़ाया है। जून 2023 में, तीनों देशों की नौसेनाओं ने समुद्री सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मिशनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पहला त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास सफलतापूर्वक संपन्न किया था।
