पाकिस्तान से आ रही खबरें बेहद चिंताजनक हैं। अदियाला जेल के बाहर, सेना प्रमुख आसिम मुनीर के आदेश पर, इमरान खान की दो बुजुर्ग बहनों, उजमा और अलीमा, को हिरासत में ले लिया गया। यह कार्रवाई उस समय हुई जब वे अपने भाई से मिलने की कोशिश कर रही थीं, जिसके बाद सरकार ने मुलाकात की अनुमति का अपना वादा तोड़ दिया था। यह घटनाक्रम पाकिस्तान में राजनीतिक विरोध को कुचलने और पीटीआई को निशाना बनाने की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।
**वादाखिलाफी और बर्बरता**
इमरान की बहनों ने पीटीआई कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अदियाला जेल में अपने भाई से मिलने का प्रयास किया। पहले उन्हें मिलने की साप्ताहिक अनुमति दी गई थी, लेकिन अचानक यह सुविधा रद्द कर दी गई। विरोध प्रदर्शन के दौरान, पुलिस ने ठंड के मौसम में प्रदर्शनकारियों पर पानी की तेज बौछारें कीं। जब प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हटे, तो पुलिस ने इमरान की बहनों को ही गिरफ्तार कर लिया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
**पंजाब में पीटीआई पर प्रतिबंध का प्रस्ताव**
इस बीच, पंजाब असेंबली ने पीटीआई पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के आरोप लगाते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिससे पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई। यह कदम इमरान खान और उनकी पार्टी को राजनीतिक रूप से कमजोर करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
**जनता का विरोध जारी**
पानी की बौछारों के सामने एक पीटीआई कार्यकर्ता का अडिग खड़ा होना, जो वायरल हुआ है, यह दर्शाता है कि इमरान के समर्थक हार मानने को तैयार नहीं हैं। यह छवि सेना प्रमुख मुनीर के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि विरोध की आग अभी बुझी नहीं है। 2023 में भी, इमरान की गिरफ्तारी के बाद, देश भर में सेना के ठिकानों पर हमले हुए थे।
**ट्रंप का अमेरिकी डॉलर और पाकिस्तान का दुर्भाग्य**
एक तरफ जहां पाकिस्तान में सत्ता का खेल चल रहा है, वहीं अमेरिका से बड़ी मदद की खबरें भी आ रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप के कथित हस्तक्षेप के बाद, पाकिस्तान को आईएमएफ से 11,000 करोड़ रुपये का एक नया बेलआउट पैकेज मिला है। यह तब हुआ जब पाकिस्तान ने कर सुधारों पर आईएमएफ की मांगों को पूरा नहीं किया था।
ऐसा लगता है कि ट्रंप पाकिस्तान के ‘कटोरे’ को भर रहे हैं, लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि यह पैसा पाकिस्तान की जनता तक पहुंचेगा या आतंकियों के हाथ में।
