अमेरिका द्वारा हाल ही में ड्रग्स ले जा रही एक नाव पर की गई सैन्य कार्रवाई अब विवादों में घिर गई है। इस स्ट्राइक में नाव पर सवार सभी 11 लोगों की जान चली गई थी। अब एक नई रिपोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों को चुनौती दी है, जिनमें उन्होंने इस ऑपरेशन को अमेरिकी सुरक्षा के लिए बड़ी जीत बताया था।
**नाव की मंज़िल पर सवाल:**
डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर दावा किया था कि अमेरिकी सेना ने वेनेजुएला के “नारको-आतंकवादियों” पर हमला किया है, जो अमेरिका में अवैध ड्रग्स की तस्करी कर रहे थे। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा करार दिया था।
हालांकि, इस ऑपरेशन की देखरेख करने वाले एक वरिष्ठ अमेरिकी एडमिरल ने कांग्रेस को दी गई जानकारी में बताया कि नाव असल में सूरीनाम की ओर बढ़ रही थी। उनका कहना था कि नाव एक बड़े जहाज से जुड़ने वाली थी, जो सूरीनाम की ओर जा रहा था। हालांकि यह संभव है कि माल अंततः अमेरिका तक पहुंच सकता था, लेकिन ड्रग तस्करी के विशेषज्ञ मानते हैं कि सूरीनाम मार्ग अक्सर यूरोपीय बाजारों के लिए होता है।
**बयानबाजी में विरोधाभास:**
मामले से जुड़े अन्य बयानों में सीनेटर मार्को रुबियो का हवाला देते हुए कहा गया है कि नाव “संभवतः त्रिनिदाद या कैरिबियन के किसी अन्य द्वीप की ओर जा रही थी।” यह जानकारी ट्रंप के उस दावे से बिल्कुल अलग है जिसमें उन्होंने नाव को सीधे अमेरिका के लिए ड्रग्स ले जाते हुए बताया था।
एडमिरल के अनुसार, हमला होने पर नाव ने दिशा बदल ली थी। नाव को चार बार निशाना बनाया गया। पहली मिसाइल से नाव दो हिस्सों में बंट गई, जिसके बाद दो लोग मलबे से लटकते पाए गए। बाद के हमलों में उनकी भी मौत हो गई और नाव पूरी तरह डूब गई।
**पारदर्शिता की मांग:**
रक्षा विभाग के सचिव पीट हेगसेथ पर इस पूरे ऑपरेशन का वीडियो फुटेज जारी करने का दबाव बढ़ रहा है ताकि घटनाओं की पूरी सच्चाई सामने आ सके। हेगसेथ ने मीडिया से कहा है कि वीडियो की जांच की जा रही है, लेकिन इसे सार्वजनिक करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। एडमिरल ने इस बात की पुष्टि की है कि ऑपरेशन का लक्ष्य नाव पर सवार सभी 11 व्यक्तियों को खत्म करना और नाव को डुबोना था।
