भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में एक नया अध्याय 10 दिसंबर से नई दिल्ली में शुरू होने वाली उच्च-स्तरीय वार्ता के साथ लिखा जाएगा। इन वार्ताओं का प्राथमिक एजेंडा दोनों देशों के बीच एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के महत्वपूर्ण पहलुओं को आगे बढ़ाना है। दोनों देशों के अधिकारी समझौते के शुरुआती चरण को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हालांकि वैश्विक व्यापार परिदृश्य में अप्रत्याशित बदलावों, विशेषकर शुल्कों (टैरिफ) से संबंधित चिंताओं ने पहले की समय-सीमा को प्रभावित किया है।
सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह बहुप्रतीक्षित व्यापारिक संवाद 10 दिसंबर को शुरू होने वाला है। इससे पहले, भारत के वाणिज्य सचिव, राजेश अग्रवाल, जो इस सौदे के लिए मुख्य वार्ताकार हैं, ने 28 नवंबर को सकारात्मक संकेत दिए थे। उन्होंने आशा व्यक्त की थी कि भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते का पहला महत्वपूर्ण चरण इसी साल के अंत तक संपन्न हो सकता है। फिक्की (FICCI) के एक कार्यक्रम में, अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि वैश्विक व्यापार में चल रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद, बातचीत ने काफी तरक्की की है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमारी अपेक्षाएं… हम बहुत आशावादी और बेहद उम्मीद भरे हैं कि हम इस कैलेंडर वर्ष में ही कोई समाधान निकाल लेंगे।” यह वार्ता ऐसे समय में आयोजित हो रही है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए गए व्यापारिक शुल्कों का इतिहास भी प्रासंगिक है। अगस्त 2023 में, डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के निर्णय के जवाब में भारतीय उत्पादों पर 25% का टैरिफ लगाया था, और बाद में इसमें और वृद्धि की थी। ट्रम्प प्रशासन ने उन देशों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक शुल्क नीति अपनाई थी जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा था। अमेरिका के साथ इस द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में कई दौर की गहन बातचीत पहले ही हो चुकी है।
भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) का औपचारिक प्रस्ताव इस साल फरवरी माह में दोनों देशों के नेताओं के निर्देशों के बाद सामने आया था। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच वर्तमान 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार को बढ़ाकर 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है। इस रणनीतिक व्यापारिक पहल की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया वाशिंगटन यात्रा के दौरान की गई थी।
