भारत का रक्षा विनिर्माण क्षेत्र ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने हाल ही में 2024 के लिए दुनिया की शीर्ष 100 हथियार-उत्पादक कंपनियों की सूची जारी की है, जिसमें भारत की तीन प्रमुख कंपनियों ने महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।
**वैश्विक सूची में भारतीय महारथियों की मौजूदगी**
इस प्रतिष्ठित सूची में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), जिसने स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान को विकसित किया है, 44वें पायदान पर काबिज है। रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार सिस्टम की अग्रणी निर्माता, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) 58वें स्थान पर अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है।
इसके अतिरिक्त, नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण में विशेषज्ञता रखने वाली मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (MDL) को 91वीं रैंक मिली है, जो भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
**अमेरिका का वर्चस्व कायम, यूरोपीय कंपनियां भी मजबूत**
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की शीर्ष पांच हथियार उत्पादक कंपनियों में चार अमेरिकी कंपनियों – लॉकहीड मार्टिन, आरटीएक्स, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन और जनरल डायनेमिक्स – का दबदबा है। केवल यूके की बीएई सिस्टम्स ही पांच में से गैर-अमेरिकी कंपनी के तौर पर चौथे स्थान पर है।
**आंकड़ों में रक्षा क्षेत्र की बुलंदियां**
‘SIPRI टॉप 100 आर्म्स-प्रोड्यूसिंग एंड मिलिट्री सर्विसेज कंपनीज, 2024’ रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में वैश्विक रक्षा कंपनियों का कुल राजस्व 679 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो एक नया कीर्तिमान है।
अमेरिकी फर्मों ने भी मजबूत प्रदर्शन किया, जहां लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन और जनरल डायनेमिक्स का संयुक्त राजस्व 2024 में 3.8% की वृद्धि के साथ 334 अरब डॉलर तक पहुंच गया। शीर्ष 100 कंपनियों में 39 अमेरिकी कंपनियां शामिल हैं, जिनमें से 30 ने पिछले वर्ष की तुलना में अपने राजस्व में वृद्धि देखी है।
यह रिपोर्ट न केवल पश्चिमी देशों के रक्षा उद्योग की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि भारत का रक्षा उत्पादन क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और वैश्विक बाजार में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। HAL, BEL और MDL की इस सूची में उपस्थिति भारत को भविष्य में एक प्रमुख हथियार निर्यातक के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
