हांगकांग में एक भयावह आग लगने की घटना में मरने वालों की संख्या अब 94 तक पहुंच गई है, जो इसे पिछले कई दशकों की सबसे विनाशकारी आग की घटनाओं में से एक बनाती है। गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, बचावकर्मी दूसरे दिन भी वांग फुक कोर्ट कॉम्प्लेक्स में फंसे लोगों की तलाश करते रहे। आग इतनी भीषण थी कि अभी भी कॉम्प्लेक्स के कुछ हिस्सों से धुआं निकल रहा था। खोजकर्ता टॉर्च की रोशनी में क्षतिग्रस्त घरों में घुसे, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई और जीवित न बचा हो।
**आग लगने का कारण और प्रसार**
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग 32 मंजिला इमारत के बाहरी हिस्से में लगे मचान से शुरू हुई। तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैली और मुख्य इमारत के साथ-साथ आसपास की छह अन्य इमारतों में भी फैल गई। यह कॉम्प्लेक्स आठ इमारतों का समूह है, जहाँ लगभग 4,800 लोग रहते हैं और करीब 2,000 फ्लैट हैं। चिंताजनक बात यह है कि यह पूरा इलाका उस समय नवीनीकरण के काम के अधीन था।
नवीनीकरण के दौरान इमारतों के चारों ओर बांस के मचान का उपयोग किया गया था। हांगकांग में बांस का मचान अपनी कम लागत और आसान स्थापना के कारण लोकप्रिय है, खासकर संकरी जगहों पर। हालांकि, यह आग के प्रति बहुत संवेदनशील होता है और धातु के मचान की तुलना में बहुत कम सुरक्षित माना जाता है।
माना जा रहा है कि बांस के साथ-साथ प्लास्टिक की जाली और स्टायrofoam जैसी अन्य ज्वलनशील सामग्रियों ने भी आग को तेजी से फैलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सरकार ने इस घटना के बाद सुरक्षा मानकों की समीक्षा की है। अधिकारियों ने बांस के मचान की जगह अग्निरोधक धातु के मचान के इस्तेमाल पर चर्चा शुरू कर दी है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने के लिए कि निर्माण सामग्री सुरक्षा नियमों के अनुरूप हो, निर्माणाधीन सभी भवनों का निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है।
**कानूनी कार्रवाई**
इस गंभीर हादसे के संबंध में, पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक निर्माण कंपनी के निदेशक भी शामिल हैं। उन पर गैर इरादतन हत्या (manslaughter) का आरोप है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि बाहरी दीवारों पर इस्तेमाल की गई कुछ सामग्रियां अग्नि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर रही थीं। हांगकांग की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी भी इस पूरे नवीनीकरण प्रोजेक्ट की जांच में शामिल हो गई है।
