अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी सनसनीखेज जानकारी का खुलासा किया है। सीआईए के पूर्व संचालन प्रमुख जेम्स लोलर ने बताया कि कैसे पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कादिर खान ने न केवल देश की परमाणु क्षमता को मजबूत किया, बल्कि गुप्त रूप से संवेदनशील जानकारी और तकनीक को अन्य देशों को बेचा। यह खुलासा पाकिस्तान के परमाणु रहस्यों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी के एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
लोलर ने एक विशेष साक्षात्कार में इस बात की पुष्टि की कि सीआईए के तत्कालीन निदेशक जॉर्ज टेनेट ने खुद तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को डॉ. खान की अवैध गतिविधियों के बारे में सबूतों के साथ अवगत कराया था। यह जानकारी चिंताजनक थी क्योंकि इसमें कहा गया था कि खान ने लीबिया जैसे देशों को परमाणु तकनीक बेची थी, जिसने दुनिया की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे पैदा किए।
इस गंभीर खुलासे पर राष्ट्रपति मुशर्रफ की प्रतिक्रिया अत्यंत उग्र थी। लोलर के अनुसार, मुशर्रफ ने गुस्से में खान को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके तुरंत बाद, डॉ. खान को लंबे समय तक घर में ही नजरबंद रखा गया। यह घटनाक्रम परमाणु अप्रसार के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका था।
डॉ. कादिर खान का नाम पहले भी परमाणु सामग्री और तकनीक के अवैध प्रसार के लिए चर्चा में रहा है। 2004 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्होंने स्वीकार किया कि वे एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थे। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में पूर्व नेताओं पर भी उंगलियां उठाई थीं।
सीआईए की गहन निगरानी के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि डॉ. खान दोहरा खेल खेल रहे थे। एक ओर वे पाकिस्तान को एक परमाणु शक्ति बनाने में लगे थे, वहीं दूसरी ओर वे चोरी-छिपे महत्वपूर्ण परमाणु ज्ञान दूसरे देशों को पहुंचा रहे थे। लोलर ने इसी कारण उन्हें “मौत का सौदागर” करार दिया था।
इस तस्करी नेटवर्क का जाल ईरान तक फैला हुआ था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईरान ने पाकिस्तान से लीक हुए P1 और P2 सेंट्रीफ्यूज डिजाइनों का उपयोग किया। इतना ही नहीं, यह नेटवर्क एक चीनी परमाणु बम के बैलिस्टिक मिसाइल डिजाइन की जानकारी भी बेचने में सफल रहा था। लोलर ने आगाह किया है कि अगर ईरान परमाणु हथियार हासिल कर लेता है, तो मध्य-पूर्व में भयानक स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसे वे “परमाणु महामारी” कहते हैं। यह प्रकरण पाकिस्तान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं के पीछे की जटिल और खतरनाक दुनिया को सामने लाता है।
