रूस ने चुपके से अपने अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान, सुखोई Su-57, की पहली विदेशी डिलीवरी पूरी कर ली है। विमान निर्माता यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) ने इस बात की पुष्टि की है कि दो Su-57 विमान एक अज्ञात विदेशी ग्राहक को सौंप दिए गए हैं और वे अब सक्रिय सेवा में हैं।
UAC के प्रमुख वादिम बडेखा ने राज्य मीडिया से कहा, “हमारे विदेशी भागीदार को दो Su-57 सौंपे जा चुके हैं, और वे अब ऑपरेशनल हैं। ग्राहक विमान से बेहद खुश है।” उन्होंने खरीदार की पहचान का खुलासा करने से इनकार कर दिया।
पिछले साल नवंबर में, रूस की सरकारी हथियार निर्यात कंपनी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट ने एक सौदे की घोषणा की थी, लेकिन तब भी खरीदार देश का नाम गुप्त रखा गया था।
हालांकि, खुफिया जानकारी और विश्लेषकों के अनुसार, अल्जीरिया इस सौदे का प्रमुख दावेदार है। फरवरी माह में अल्जीरियाई मीडिया ने भी इस बात की ओर इशारा किया था कि देश के पायलट रूस में Su-57 के प्रशिक्षण से गुजर रहे हैं।
Su-57, जिसे ‘फेलॉन’ के नाम से भी जाना जाता है, रूस का सबसे उन्नत स्टील्थ लड़ाकू विमान है, जिसका उत्पादन संख्या सीमित है। दुनिया में केवल अमेरिका, चीन और रूस ही पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने में सक्षम हैं।
निर्यात के लिए तैयार Su-57E मॉडल में घरेलू संस्करण की तुलना में कुछ तकनीकी बदलाव किए गए हैं, जैसे कि अलग एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर। यह डिलीवरी इस बात का संकेत है कि रूस, वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, अपनी रक्षा निर्माण क्षमताओं को बनाए रखने में सफल रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस या तो युद्ध की बाधाओं के बावजूद उत्पादन जारी रखे हुए है, या फिर उपलब्ध स्टॉक का उपयोग करके विदेशी खरीदारों के ऑर्डर पूरे कर रहा है।
अपनी उन्नत स्टील्थ तकनीक, डिजिटल क्षमताओं और बहु-भूमिका प्रदर्शन के लिए पहचाने जाने वाले Su-57 की यह पहली विदेशी डिलीवरी यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस के रक्षा निर्यात परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।
