अफगानिस्तान एक बार फिर भूकंपीय गतिविधि से हिल गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने पुष्टि की है कि शुक्रवार को 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र 178 किलोमीटर की गहराई में स्थित था।
NCS के अनुसार, भूकंप भारतीय समयानुसार रात 9:33 बजे दर्ज किया गया। इसका सटीक स्थान 36.45° उत्तरी अक्षांश और 70.99° पूर्वी देशांतर पर था। यह घटना देश की भूकंपीय संवेदनशीलता को उजागर करती है।
यह भूकंप दिन में पहले आए 4.3 तीव्रता के झटके के बाद आया है, जो 170 किलोमीटर की गहराई पर महसूस किया गया था। ये लगातार झटके क्षेत्र की भूगर्भीय अस्थिरता को दर्शाते हैं।
अफगानिस्तान में भूकंपीय खतरा कोई नई बात नहीं है। यह देश भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है, जो इसे बार-बार आने वाले भूकंपों के प्रति संवेदनशील बनाता है। हिंदू कुश पर्वतमाला विशेष रूप से भूगर्भीय रूप से सक्रिय है, और इस क्षेत्र में नियमित रूप से भूकंप आते रहते हैं।
नवंबर की शुरुआत में, एक शक्तिशाली 6.3 तीव्रता के भूकंप ने उत्तरी अफगानिस्तान में तबाही मचाई थी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे। इस भूकंप ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, यहां तक कि ऐतिहासिक मस्जिदों को भी नुकसान पहुंचाया था।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। बाढ़, भूस्खलन और भूकंप जैसी आपदाएं देश के उन समुदायों पर गहरा प्रभाव डालती हैं जो पहले से ही दशकों के संघर्ष और विकास की कमी से जूझ रहे हैं।
