अलास्का का उत्कीयागविक शहर 18 नवंबर, 2025 से 65 दिनों के गहन अंधेरे में डूब गया है। यह घटना ‘पोलर नाइट’ कहलाती है, जिसमें सूरज क्षितिज से ऊपर नहीं आता। संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे उत्तरी बिंदु पर स्थित इस शहर के निवासियों ने साल की आखिरी रोशनी दोपहर 1:36 बजे देखी और अब वे 22 जनवरी, 2026 को होने वाले अगले सूर्योदय का इंतज़ार कर रहे हैं।
पोलर नाइट, पृथ्वी के अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री के झुकाव का परिणाम है। सर्दियों के दौरान, पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध सूर्य से दूर हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप आर्कटिक क्षेत्र सूर्य की सीधी रोशनी से वंचित रह जाते हैं। उत्कीयागविक, जो आर्कटिक सर्कल के भीतर आता है, इस खगोलीय घटना का वार्षिक गवाह बनता है। यह अंधेरा लगभग 64 से 65 दिनों तक रहता है। गर्मियों में, इसके विपरीत, यह क्षेत्र ‘पोलर डे’ का अनुभव करता है, जहाँ सूरज लगातार 80-85 दिनों तक दिखाई देता है, जो कि मई से अगस्त तक रहता है।
इस लंबी अवधि के अंधेरे का सीधा असर शहर के लगभग 4,500 निवासियों पर पड़ता है, जिनमें से अधिकांश इनुइट मूल के हैं। सूर्य के अभाव में, लोग मौसमी अवसाद (सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर) जैसी मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करते हैं, जिसके लिए लाइट थेरेपी एक प्रभावी उपचार है। शारीरिक और मानसिक थकान भी आम है।
इसके बावजूद, उत्कीयागविक में जनजीवन सामान्य रूप से चलता है। स्कूल खुले रहते हैं, काम काज जारी रहता है और लोग बाहरी गतिविधियों में भी हिस्सा लेते हैं, भले ही तापमान -20 से -30 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाए। घरों और सड़कों पर लगी कृत्रिम रोशनी दैनिक जीवन को सुगम बनाती है। लोग ठंड से बचने के लिए अधिक समय घर के अंदर बिताते हैं।
ध्रुवीय रात के दौरान, स्थानीय समुदाय उत्सव मनाते हैं, जिनमें क्रिसमस और नव वर्ष शामिल हैं। यह समय अक्सर पार्टियों और मेलजोल का होता है। रात का आकाश ऑरोरा बोरेलिस, यानी उत्तरी रोशनी के अद्भुत नज़ारे से जगमगा उठता है, जो पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, हालांकि अत्यधिक ठंड उनके अनुभव को सीमित कर देती है।
2016 में इस शहर का नाम बैरो से बदलकर उत्कीयागविक किया गया। यहाँ वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन और आर्कटिक पारिस्थितिकी तंत्र पर महत्वपूर्ण शोध करते हैं। ग्लोबल वार्मिंग के कारण बर्फ का पिघलना भविष्य में ध्रुवीय रातों जैसी प्राकृतिक घटनाओं को प्रभावित कर सकता है, पर अभी के लिए यह चक्र जारी है।
