इजरायल ने गाजा और लेबनान में नए सिरे से हवाई हमले किए हैं, जिससे संघर्ष और गहरा गया है। इन हमलों में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है और 77 अन्य घायल हुए हैं। बुधवार (19 नवंबर) को गाजा सिटी और खान यूनिस जैसे इलाकों में हुए इन हमलों ने भारी तबाही मचाई है। अमेरिका की मध्यस्थता वाले युद्धविराम के प्रयासों के बावजूद, मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, जिससे शांति की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं।
लेबनान के शरणार्थी शिविर पर भी वार
मंगलवार को, इजरायली विमानों ने दक्षिणी लेबनान के सिडोन के पास ऐन अल-हिलवेह नामक एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर पर भी हमला किया। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस हमले की पुष्टि की। यह घटना दर्शाती है कि इजरायल और हमास के बीच का संघर्ष अब गाजा की सीमाओं को पार कर लेबनान तक पहुंच गया है, जिससे उत्तरी सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है।
युद्धविराम की विफलता?
रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल ने अमेरिका द्वारा किए गए युद्धविराम समझौते का लगातार उल्लंघन किया है। अब तक गाजा में 393 हमले किए गए हैं, जिनमें लगभग 280 लोगों की जान गई है और 672 लोग घायल हुए हैं। यह स्थिति बताती है कि युद्धविराम एक प्रभावी शांति समझौता साबित नहीं हो पा रहा है और दोनों पक्षों के बीच सैन्य टकराव जारी है।
पहले के हमले और अमेरिकी सहभागिता
इससे पहले, हमास पर युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगाते हुए, इजरायल ने पिछले महीने गाजा में हवाई हमले किए थे, जिसमें नौ लोग मारे गए थे। हालिया हमलों से ठीक पहले, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को गाजा में “शक्तिशाली जवाबी हमले” करने का आदेश दिया था। इजरायल ने इन बड़े पैमाने के हमलों की योजना के बारे में अमेरिका को पहले से ही जानकारी दे दी थी।
बढ़ता सैन्य तनाव और नागरिक जोखिम
इजरायली सैन्य अधिकारियों ने हमास के हमलों को अपनी सैन्य कार्रवाई का कारण बताया है, भले ही युद्धविराम का ढांचा मौजूद है। हर बार जब एक नया हमला होता है और जवाबी कार्रवाई की जाती है, तो शांति की संभावना और कम होती जाती है। गाजा और लेबनान के नागरिक लगातार युद्ध के खतरे का सामना कर रहे हैं।
