अमेरिकी सरकार ने भारत के रक्षा आधुनिकीकरण को एक बड़ा बढ़ावा दिया है। 93 मिलियन अमेरिकी डॉलर के दो महत्वपूर्ण सौदों को मंजूरी मिली है, जो भारतीय सशस्त्र बलों को विशेष रूप से दुश्मन के बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी बना देंगे। ये खरीद भारतीय सेना की मारक क्षमता को काफी बढ़ाएगी और इसे युद्ध के मैदान में एक दुर्जेय शक्ति के रूप में स्थापित करेगी।
पहले सौदे के तहत, भारत को 45.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम प्राप्त होंगे। यह उन्नत ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ मिसाइल प्रणाली है, जो अपनी सटीकता और मारक क्षमता के लिए जानी जाती है। यूक्रेन संघर्ष में इसके सफल उपयोग ने इसकी प्रभावशीलता को साबित किया है। इस सौदे में 100 मिसाइलें, 25 लॉन्च यूनिट्स और संबंधित प्रशिक्षण और सहायता उपकरण शामिल हैं। जैवलिन मिसाइलें भारतीय सैनिकों को दो किलोमीटर से अधिक दूरी से दुश्मन के टैंकों को निशाना बनाने और तुरंत कवर लेने की क्षमता प्रदान करती हैं, क्योंकि मिसाइल लक्ष्य को स्वयं ट्रैक करती है।
दूसरे सौदे में, 47.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर में 216 एक्सकैलिबर प्रेसिजन-गाइडेड आर्टिलरी राउंड्स की आपूर्ति की जाएगी। ये GPS-निर्देशित तोपखाने के गोले अविश्वसनीय रूप से सटीक होते हैं और लंबी दूरी पर भी लक्ष्यों को भेदने में सक्षम हैं। ये आधुनिक मूनिशन भारतीय तोपखाने को सटीक हमला करने की नई क्षमताएं प्रदान करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि लक्ष्य पर ही हमला हो, अनावश्यक नुकसान से बचा जा सके।
जैवलिन: एक गेम-चेंजर हथियार
जैवलिन मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता इसकी ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ क्षमता है। यह सैनिकों को मिसाइल दागने के बाद तुरंत छिपने की अनुमति देती है, जबकि मिसाइल अपने इन्फ्रारेड सेंसर का उपयोग करके लक्ष्य का पीछा करती है। यह टैंकों के सबसे कमजोर ऊपरी हिस्से को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे विनाश की संभावना बढ़ जाती है। यह न केवल टैंकों के लिए, बल्कि अन्य बख्तरबंद वाहनों और मजबूत सैन्य ठिकानों के लिए भी एक गंभीर खतरा है।
रणनीतिक साझेदारी का विस्तार
यूएस डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी के अनुसार, ये बिक्री भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने और अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन नई प्रणालियों की खरीद भारतीय सेना की मौजूदा क्षमताओं को बढ़ाएगी और अमेरिकी सैन्य उपकरणों के साथ बेहतर तालमेल सुनिश्चित करेगी।
भारत के पड़ोसियों के लिए एक स्पष्ट संकेत यह है कि भारतीय सेना अब पहले से कहीं अधिक तकनीकी रूप से उन्नत और घातक हो गई है। एक्सकैलिबर की सटीकता और जैवलिन की मारक क्षमता का संयोजन भारत की रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं को एक नए स्तर पर ले जाता है, जिससे दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन में महत्वपूर्ण बदलाव आता है।
