क्या आप जानते हैं कि दुनिया में 18 ऐसे देश हैं जहाँ कोई स्थायी प्राकृतिक नदी नहीं बहती? इन देशों में जीवन, कृषि और विकास कैसे संभव है, जबकि अधिकांश सभ्यताएँ नदियों के किनारे ही विकसित हुई हैं? इसका रहस्य छिपा है उन्नत जल प्रबंधन तकनीकों और मानव नवाचार में।
**मध्य पूर्व: शुष्क भूमि पर जीवन का संघर्ष**
मध्य पूर्व के कई देश, जैसे सऊदी अरब, कुवैत, यूएई, कतर, बहरीन, ओमान और यमन, लंबे समय से नदियों के बिना जीवन जी रहे हैं। यहाँ की रेगिस्तानी जलवायु और अत्यधिक कम वर्षा ने प्राकृतिक जल स्रोतों को लगभग समाप्त कर दिया है। सऊदी अरब पीने योग्य पानी की अपनी अधिकांश आवश्यकता को विलवणीकरण (समुद्री जल को मीठा बनाना) के माध्यम से पूरा करता है।
ओमान और संयुक्त अरब अमीरात जैसी जगहों पर, लोग बारिश होने पर ही बनने वाली मौसमी धाराओं ‘वाडी’ का उपयोग करते हैं। वहीं, कतर पानी आयात करता है, और बहरीन अपने प्राकृतिक झरनों के कम होने के कारण पूरी तरह विलवणीकरण पर निर्भर हो गया है।
**अफ्रीका और यूरोप: सीमित स्रोत, बड़ी चुनौतियाँ**
अफ्रीका महाद्वीप में लीबिया और जिबूती ऐसे देश हैं जहाँ स्थायी नदियाँ नहीं हैं। यूरोप में भी माल्टा, मोनाको और वेटिकन सिटी जैसे छोटे राष्ट्रों में नदियों का अभाव है। इन देशों के लिए, भूजल और वर्षा जल को सहेज कर रखना जीवनरेखा है। सीमित भूमि और कम वर्षा के कारण यहाँ बड़ी जल प्रणालियाँ विकसित करना मुश्किल है।
**द्वीप राष्ट्रों की अनूठी जल व्यवस्था**
बहामास, मालदीव, किरिबाती, मार्शल द्वीप समूह, नाउरू, टोंगा और तुवालु जैसे कई द्वीप राष्ट्रों को भी नदियों के बिना रहना पड़ता है। यहाँ की आबादी मुख्य रूप से वर्षा जल संचयन (rainwater harvesting) और छोटे भूमिगत जलभृतों (aquifers) पर निर्भर है। मालदीव जैसे देश बढ़ते समुद्री जल स्तर के कारण भूजल के खारेपन की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं, जिससे ताजे पानी की उपलब्धता और मुश्किल हो गई है।
**प्रौद्योगिकी और योजना: असंभव को संभव बनाते हुए**
इन देशों की सफलता का श्रेय बड़े पैमाने पर विलवणीकरण संयंत्रों, कुशल जल पुनर्चक्रण, और टिकाऊ शहरी नियोजन को जाता है। रियाद, दुबई और दोहा जैसे शहर आधुनिक तकनीक के बल पर न केवल विकसित हुए हैं, बल्कि लाखों लोगों के लिए जल सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि मानव की बुद्धिमत्ता और दृढ़ संकल्प किसी भी प्राकृतिक बाधा को पार कर सकता है।
**बिना नदियों वाले देशों की सूची:**
सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, ओमान, यमन, लीबिया, जिबूती, मालदीव, माल्टा, मोनाको, वेटिकन सिटी, नाउरू, किरिबाती, तुवालु, मार्शल द्वीप समूह, टोंगा।
यह तथ्य हमें सिखाता है कि नदियाँ महत्वपूर्ण हैं, लेकिन तकनीकी प्रगति और दूरदर्शी योजनाएं हमें जल की कमी वाले क्षेत्रों में भी जीवन को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।
