अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उपभोक्ताओं को राहत देने और बढ़ती कीमतों के दबाव को कम करने के उद्देश्य से आयातित बीफ, कॉफी और कई उष्णकटिबंधीय फलों पर से टैरिफ हटा दिया है। यह निर्णय उनकी “अमेरिका फर्स्ट” व्यापार नीति में एक बड़ा उलटफेर माना जा रहा है, जिसके तहत पहले कई आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाए गए थे। आलोचकों का मानना है कि इन शुल्कों ने सीधे तौर पर किराने के सामान की कीमतों को बढ़ाया है। विशेष रूप से, ब्राजील से आयातित बीफ पर लगे टैरिफ ने अमेरिकी बाजार में बीफ की कीमतों को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया था, जो इस नीतिगत बदलाव का एक प्रमुख कारण बना।
राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें बीफ, कॉफी, चाय, कोको, मसाले, उर्वरक और विभिन्न उष्णकटिबंधीय फलों जैसे आयातित उत्पादों पर लगे टैरिफ को तुरंत प्रभाव से समाप्त कर दिया गया। यह कदम हाल ही में संपन्न हुए मध्यावधि चुनावों में डेमोक्रेट्स की जीत और उपभोक्ताओं द्वारा महंगाई को प्रमुख मुद्दा बताए जाने के बाद उठाया गया है। मतदाताओं ने मुद्रास्फीति और जीवन यापन की बढ़ती लागत पर गहरी चिंता जताई थी, और इन चिंताओं को ट्रंप की आर्थिक नीतियों के खिलाफ जनादेश के रूप में देखा जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन, जो पहले टैरिफ को उपभोक्ता कीमतों पर कोई असर न डालने वाला बताता रहा था, ने पहली बार संकेत दिया कि आयात शुल्क “कुछ मामलों में” कीमतों को बढ़ा सकते हैं। यह स्वीकारोक्ति राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल में एक उल्लेखनीय क्षण है।
खासकर बीफ की बढ़ती कीमतें उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गई थीं। ब्राजील पर लगाए गए टैरिफ के कारण अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगी बीफ खरीदनी पड़ रही थी। नए आदेश से न केवल बीफ पर, बल्कि उन अन्य वस्तुओं पर भी शुल्क समाप्त हो गए हैं, जिनका घरेलू उत्पादन या तो नगण्य है या सीमित है। इसमें केले, संतरे, विभिन्न प्रकार के फल और मसाले शामिल हैं, जिनके आयात शुल्क से घरेलू उद्योग को कोई खास लाभ नहीं होता था, लेकिन आम आदमी को जेब ढीली करनी पड़ती थी।
इस टैरिफ राहत का खाद्य उद्योग ने स्वागत किया है, इसे आपूर्ति श्रृंखला की लागत को कम करने में सहायक बताया है। वहीं, विपक्षी डेमोक्रेट्स का कहना है कि यह ट्रंप के टैरिफ की विफलताओं और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव की सीधी स्वीकारोक्ति है। वर्जीनिया के सांसद ने कहा कि ट्रंप अब मान रहे हैं कि उनके टैरिफ ने कीमतें बढ़ाई हैं।
इस नीतिगत बदलाव के साथ, प्रशासन ने इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, अल सल्वाडोर और अर्जेंटीना जैसे देशों के साथ नए व्यापार ढांचे पर भी सहमति जताई है, जिससे कुछ पुराने टैरिफ की आवश्यकता समाप्त हो गई है। ट्रंप ने अपने वादे के अनुसार टैरिफ राजस्व से अमेरिकियों को $2,000 की नकद सहायता देने की बात भी दोहराई, हालांकि इसके लिए कोई निश्चित समय-सीमा नहीं बताई गई और यह भी संकेत दिया कि इस पैसे का उपयोग राष्ट्रीय ऋण कम करने में भी हो सकता है। आने वाले चुनावों को देखते हुए, प्रशासन पर महंगाई को नियंत्रित करने का दबाव बना रहेगा।
