चीन के सिचुआन प्रांत में एक नव-निर्मित होंग्की पुल एक विनाशकारी भूस्खलन के कारण मंगलवार को नदी में गिर गया। इस घटना का एक दिल दहला देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें भूस्खलन के कारण पुल का एक बड़ा हिस्सा ढहता हुआ दिखाई दे रहा है।
लगभग 758 मीटर लंबा यह पुल, जो मध्य चीन को तिब्बत से जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा था, भूस्खलन की चपेट में आने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अच्छी खबर यह है कि स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि किसी भी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है, जिसका मुख्य कारण पुल को समय से पहले ही बंद कर देना था।
**बड़े हादसे से बचाव**
पुल के ढहने से कुछ ही घंटे पहले, भूवैज्ञानिकों ने आस-पास के इलाके में खतरे के संकेत देखे थे। इसके बाद, माएर्कांग शहर की पुलिस ने सोमवार दोपहर को ही पुल को सभी प्रकार के वाहनों के लिए बंद कर दिया था। इंजीनियरों ने पहाड़ी ढलानों और सड़क पर दरारें तथा जमीन में हलचल देखी थी, जो कि एक बड़े भूस्खलन का संकेत था।
**भूवैज्ञानिक अस्थिरता का प्रकोप**
अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को भूवैज्ञानिक परिस्थितियां और भी खराब हो गईं, जिससे एक विशाल भूस्खलन हुआ। इस भूस्खलन ने पुल की नींव को कमजोर कर दिया और अंततः उसे ढहा दिया। इस पहाड़ी क्षेत्र में भूवैज्ञानिक अस्थिरता की समस्या पुरानी है और यहाँ पहले भी भूस्खलन होते रहे हैं।
**नई अवसंरचना पर गंभीर सवाल**
यह पुल इसी साल बनकर तैयार हुआ था और इसका निर्माण राज्य-समर्थित सिचुआन रोड एंड ब्रिज ग्रुप द्वारा किया गया था। होंग्की पुल के इस तरह ढह जाने से चीन के पश्चिमी इलाकों में निर्माणाधीन नई अवसंरचना की गुणवत्ता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
इस घटना के बाद, स्थानीय सरकार ने पुल ढहने के कारणों की गहन जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या केवल भूवैज्ञानिक कारण जिम्मेदार थे या निर्माण में भी कोई कमी थी।
यह घटना चीन में अवसंरचना की विफलता का एक और उदाहरण है। कुछ महीने पहले ही, किंगहाई प्रांत में एक निर्माणाधीन रेलवे पुल ढह गया था, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई थी। होंग्की पुल के ढहने से सिचुआन और तिब्बती पठार के बीच यातायात बाधित होगा, जिससे यात्रा और आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर पड़ेगा।
