अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौते की दिशा में प्रगति की घोषणा की है, साथ ही कहा है कि “वे अभी मुझे पसंद नहीं करते, लेकिन वे फिर से करेंगे”। यह बयान भारत के नए अमेरिकी राजदूत सेर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान आया, जहाँ ट्रंप ने दोनों देशों के बीच वार्ता में “काफी प्रगति” का उल्लेख किया।
व्हाइटहाउस में बोलते हुए, ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और भारत एक “उचित” समझौते पर पहुँचने के बहुत करीब हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम भारत के साथ एक सौदा कर रहे हैं, जो पिछले सौदों से बहुत अलग होगा।” ट्रंप ने स्वीकार किया कि वर्तमान में भारत पर कुछ टैरिफ हैं, विशेष रूप से रूसी तेल के आयात के कारण, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने रूसी तेल का आयात कम कर दिया है, जिससे टैरिफ में कमी का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से टैरिफ कम करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि भारत के वार्ताकार बहुत कुशल हैं और इसलिए नए राजदूत सेर्जियो गोर को इस मामले पर बारीकी से नजर रखनी होगी।
यह घोषणा महीनों से चल रही भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के बीच हुई है। भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पहले कहा था कि वार्ता “अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है”, हालांकि कुछ “जटिल मुद्दों” पर अभी भी सहमति बननी बाकी है। इस संभावित समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक ले जाना है। अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, और उम्मीद है कि 2025 के अंत तक समझौते का पहला चरण पूरा हो जाएगा।
ट्रंप ने भारत के प्राचीन इतिहास और संस्कृति की प्रशंसा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका के “शानदार” संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वास जताया कि सेर्जियो गोर की नियुक्ति दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को और बढ़ावा देगी। व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि यह घोषणा वैश्विक व्यापार परिदृश्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है और अमेरिकी-भारतीय आर्थिक संबंधों में आई सुस्ती को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
