गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए तीन व्यक्तियों को रिसिन नामक घातक विष बनाने की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किया है. इस घटना ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प को निशाना बनाने वाले रिसिन हमलों की घटनाओं की याद दिला दी है. गिरफ्तार किए गए लोगों में एक ऐसा व्यक्ति भी शामिल है जिसके पास चीन से प्राप्त मेडिकल डिग्री है, जिससे विदेशी संबंधों पर संदेह गहरा गया है.
**रिसिन क्या है और क्यों है खतरनाक?**
रिसिन एक अत्यधिक विषैला पदार्थ है जो अरंडी के पौधों के बीजों से प्राप्त होता है. यह शरीर में प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया को बाधित करके कोशिकाओं को नष्ट कर देता है. यहां तक कि इसकी बहुत छोटी मात्रा भी घातक हो सकती है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, इसे रासायनिक हथियार कन्वेंशन (CWC) के तहत सबसे प्रतिबंधित सूची, ‘शेड्यूल 1’ में रखा गया है, क्योंकि इसका कोई लाभकारी उपयोग नहीं है.
**पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों पर रिसिन हमले**
रिसिन का उपयोग पहले भी राष्ट्रपतियों को निशाना बनाने के लिए किया जा चुका है:
* **2013:** राष्ट्रपति बराक ओबामा को दो अलग-अलग घटनाओं में रिसिन-युक्त पत्र भेजे गए थे. पहली घटना में मिसिसिपी के जेम्स एवरेट डचके को दोषी पाया गया था, जिसने अन्य लोगों को भी लक्षित किया था. दूसरी घटना में टेक्सास की अभिनेत्री शैनन रिचर्डसन ने भी इसी तरह के पत्र भेजे थे.
* **2018-2020:** राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान भी रिसिन से जुड़े खतरे सामने आए. विलियम क्लाइड एलन नामक व्यक्ति ने अरंडी के बीजों वाले लिफाफे राष्ट्रपति ट्रम्प और रक्षा सचिव को भेजे थे. 2020 में, Pascale Ferrier नामक एक फ्रांसीसी-कनाडाई महिला ने व्हाइट हाउस में रिसिन भेजा और कई कानून प्रवर्तन अधिकारियों को भी निशाना बनाया.
इन सभी मामलों में, रिसिन-युक्त सामग्री को मेल स्क्रीनिंग सुविधाओं पर रोक दिया गया था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ.
**भारत में आतंकवाद का नया चेहरा**
गुजरात एटीएस की यह कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है. रिसिन जैसे जैविक एजेंटों का उत्पादन करने की साजिश, आतंकवाद के नए और खतरनाक तरीकों की ओर इशारा करती है. गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की चीनी मेडिकल डिग्री इस बात की ओर संकेत दे रही है कि यह एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा हो सकता है. जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस साजिश का संबंध किसी विदेशी आतंकी संगठन से था.
**जैव-सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता**
भारत में रिसिन प्लॉट का भंडाफोड़ और अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपतियों पर हमले के प्रयास, दुनिया भर में जैव-आतंकवाद के बढ़ते खतरे को दर्शाते हैं. यह महत्वपूर्ण है कि सभी देश अपनी मेल स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं, विष का पता लगाने की तकनीक और रासायनिक निगरानी प्रणालियों को और मजबूत करें. रिसिन जैसे शक्तिशाली जैविक एजेंटों पर सख्त अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण, वैश्विक सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है.
