संयुक्त राज्य अमेरिका में जारी सरकारी शटडाउन के कारण विमानन क्षेत्र में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हो गया है। संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स की कमी के चलते उड़ानों की संख्या कम करने का आदेश दिया है, जिसके परिणामस्वरूप लगातार दूसरे दिन 1000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं। जबकि प्रमुख हवाई अड्डों पर अभी तक व्यापक अराजकता नहीं फैली है, संघीय सरकार के लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
**हवाई अड्डों पर यात्री विलंब और रद्दीकरण**
शनिवार को 1000 से अधिक उड़ानों का रद्द होना इस बात का संकेत है कि स्थिति और गंभीर हो सकती है। सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले हवाई अड्डों में शार्लोट डगलस इंटरनेशनल एयरपोर्ट शामिल है, जहां दोपहर तक 130 उड़ानें रद्द हो गईं। अटलांटा, शिकागो, डेनवर और नेवार्क जैसे अन्य व्यस्त हवाई अड्डों पर भी उड़ानों में देरी और रद्दीकरण की खबरें सामने आईं। FAA ने 40 हवाई अड्डों पर उड़ानों में 4% की कमी की है, और चेतावनी दी है कि अगर शटडाउन जारी रहा तो यह संख्या बढ़कर 10% तक हो सकती है।
**कर्मचारियों की अनुपस्थिति और वेतन का मुद्दा**
सरकारी शटडाउन का सबसे बड़ा कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स का वेतन न मिलना है। लगभग एक महीने से बिना वेतन के काम कर रहे ये कर्मचारी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, अब बीमार पड़ रहे हैं या अतिरिक्त आय के लिए दूसरी नौकरियां तलाश रहे हैं। कई कर्मचारी अनिवार्य ओवरटाइम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए कोई भुगतान नहीं मिल रहा है। परिवहन विभाग के सचिव ने इस बात पर जोर दिया है कि यदि यह गतिरोध जारी रहा तो और भी उड़ानें रद्द करनी पड़ सकती हैं।
**यात्रियों पर पड़ रहा है बुरा असर**
इस स्थिति का सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है। हालांकि कई यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानें मिल गई हैं, फिर भी यात्रा योजनाओं में अचानक बदलाव, होटल और कार किराए पर लेने की व्यवस्था को लेकर यात्रियों को काफी तनाव और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छुट्टियों के मौसम के नजदीक आने के साथ, कई यात्री अपनी यात्राएं रद्द करने पर विचार कर रहे हैं।
**अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव: सैन्य अड्डों पर स्थानीय कर्मचारी बिना वेतन के**
यह शटडाउन सिर्फ घरेलू उड़ानों तक ही सीमित नहीं है। विदेशों में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों पर काम करने वाले हजारों स्थानीय कर्मचारी भी वेतन न मिलने से प्रभावित हैं। जर्मनी ने स्थानीय कर्मचारियों के लिए अस्थायी भुगतान की व्यवस्था की है, लेकिन इटली और पुर्तगाल में कर्मचारी बिना भुगतान के ही काम कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति गंभीर हो गई है।
