संयुक्त राज्य अमेरिका ने ‘पब्लिक चार्ज’ नियम के तहत एक व्यापक नया वीजा स्क्रीनिंग निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के तहत, दुनिया भर की अमेरिकी दूतावासों को अब वीजा आवेदकों की वित्तीय आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करने के लिए कठोर मापदंड अपनाने होंगे। यह नीति उन व्यक्तियों को वीजा या स्थायी निवास से वंचित करने की अनुमति देती है, जिनके सरकारी सहायता या कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भर होने की संभावना है, जिन्हें ‘पब्लिक चार्ज’ माना जाता है।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि ‘आत्मनिर्भरता अमेरिकी आव्रजन नीति का एक स्थापित सिद्धांत है, और पब्लिक चार्ज के आधार पर अयोग्यता का प्रावधान 100 से अधिक वर्षों से हमारे आव्रजन कानून का हिस्सा रहा है।’ यह ताजा पहल पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान लागू किए गए कड़े उपायों को फिर से स्थापित करती है। राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में इन उपायों में ढील दी गई थी, लेकिन 2025 में ट्रम्प की संभावित वापसी के बाद, उनकी सरकार एक बार फिर आव्रजन के मानदंडों को सख्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, कांसुलर अधिकारियों को ऐसे आवेदकों के वीजा आवेदन को अस्वीकार करने का निर्देश दिया गया है, जिनके सार्वजनिक लाभों पर निर्भर होने की प्रबल संभावना है। इस निर्णय प्रक्रिया में आवेदक की आयु, स्वास्थ्य की स्थिति, अंग्रेजी भाषा में प्रवीणता, आर्थिक स्थिति और भविष्य में आवश्यक चिकित्सा देखभाल जैसी बातों का गहराई से विश्लेषण किया जाएगा। आधिकारिक संदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वीजा आवेदन, स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट, वित्तीय सहायता के प्रमाण पत्र और भूतकाल में प्राप्त किसी भी सरकारी सहायता का विस्तृत मूल्यांकन निर्णय लेने से पहले अनिवार्य होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, नई स्वास्थ्य-संबंधी शर्तों के तहत अब मधुमेह या मोटापे जैसी बीमारियों को भी वीजा अस्वीकृति का कारण बनाया जा सकता है। हालांकि वीजा प्रक्रिया में स्वास्थ्य जांच पहले से ही शामिल थी, जिसका मुख्य ध्यान संक्रामक बीमारियों पर था, अब अयोग्य ठहराने वाली स्वास्थ्य समस्याओं की सूची का विस्तार किया गया है। यह बदलाव उन लोगों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो स्थायी निवास के लिए आवेदन कर रहे हैं। यह कदम अमेरिकी आव्रजन नीतियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, जो देश में प्रवेश के लिए आत्मनिर्भरता और कठोर पात्रता मानदंडों पर जोर देता है।
