पश्चिम माली के कोबरी क्षेत्र में गुरुवार को एक दुखद घटना घटी, जहाँ बिजली परियोजनाओं पर कार्यरत पांच भारतीय कर्मचारियों को अज्ञात बंदूकधारियों ने अगवा कर लिया। यह घटना माली में लगातार बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और जिहादी समूहों की बढ़ती गतिविधियों की ओर इशारा करती है।
कंपनी सूत्रों ने शुक्रवार को पुष्टि की कि उनके पांच कर्मचारी लापता हैं। हालांकि, किसी भी आतंकवादी संगठन ने अभी तक इस अपहरण की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की है।
सैन्य जुंटा के अधीन माली में अशांति
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब माली 2020 और 2021 के दो सैन्य तख्तापलट के बाद से जुंटा शासन के अधीन है। यह देश पश्चिम अफ्रीका में बढ़ते आतंकवादी संकट का केंद्र बन गया है, जहाँ कई उग्रवादी समूह सक्रिय हैं।
आतंकी संगठनों का हाथ?: अनुमान लगाया जा रहा है कि इस अपहरण के पीछे अल-कायदा से जुड़े ‘ग्रुप फॉर द सपोर्ट ऑफ इस्लाम एंड मुस्लिम्स’ (जेएनआईएम) या इस्लामिक स्टेट जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से जुड़े गिरोह हो सकते हैं।
कंपनी का तत्काल कदम: घटना की सूचना मिलते ही, कंपनी ने अपने अन्य सभी भारतीय कर्मचारियों को तत्काल सुरक्षा के लिए देश की राजधानी बमाको भेज दिया है।
आर्थिक और सुरक्षा संकट गहराया: इस लगातार चल रहे सुरक्षा संकट का माली की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है। हाल ही में, जेएनआईएम ने राजधानी बमाको सहित देश के प्रमुख शहरों में ईंधन की आपूर्ति बाधित कर दी थी, जिससे स्थिति और खराब हो गई है।
विदेशी नागरिक निशाने पर
माली में विदेशी नागरिकों का अपहरण कोई नई बात नहीं है; 2012 से यह देश राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष का सामना कर रहा है। इससे कुछ ही हफ़्ते पहले, जेएनआईएम के आतंकवादियों ने बमाको के पास से संयुक्त अरब अमीरात के दो नागरिकों और ईरान के एक व्यक्ति का अपहरण किया था। सूत्रों के मुताबिक, बड़े पैमाने पर फिरौती (कम से कम 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के बाद उन्हें पिछले सप्ताह छोड़ा गया था। अपहृत भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए अधिकारी और कंपनी मिलकर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनका वर्तमान स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।
