संयुक्त राज्य वायु सेना ने हाल ही में कैलिफ़ोर्निया के वेंडनबर्ग स्पेस फ़ोर्स बेस से एक मिनUTEMAN III अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफल प्रक्षेपण किया। 5 नवंबर को हुए इस नियमित परीक्षण का उद्देश्य मिसाइल सिस्टम की विश्वसनीयता और सटीकता सुनिश्चित करना था। यह मिसाइल लगभग 7,500 किलोमीटर की यात्रा कर मार्शल आइलैंड्स के निकट निर्धारित लक्ष्य तक पहुंची। अमेरिकी रक्षा विभाग ने जोर देकर कहा कि यह एक मानक अभ्यास था और इसमें किसी भी प्रकार के परमाणु वारहेड का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
मिनUTEMAN III अमेरिका की एक पुरानी लेकिन अत्यंत शक्तिशाली मिसाइल है, जो 1970 के दशक से अमेरिकी परमाणु शस्त्रागार का हिस्सा रही है। यह ज़मीन-आधारित मिसाइल 13,000 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम है और इसे ‘एक मिनट में लॉन्च’ होने की क्षमता के कारण यह नाम मिला है। वर्तमान में अमेरिका के पास लगभग 400 मिनUTEMAN III मिसाइलें हैं, जो प्रमुख वैश्विक शक्तियों जैसे रूस और चीन के विरुद्ध उसकी सामरिक निवारक क्षमता को मजबूत करती हैं।
यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने परमाणु परीक्षणों पर देशों को चेतावनी दी है और अमेरिका को किसी भी सैन्य प्रतिस्पर्धा में पीछे न रहने का निर्देश दिया है। ऊर्जा विभाग ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार के परीक्षणों से कोई विस्फोटक परमाणु गतिविधि नहीं होती है और यह संधि के तहत स्वीकार्य है।
अमेरिकी परमाणु हथियारों का एक बड़ा हिस्सा (लगभग 70%) पनडुब्बी-आधारित है, लेकिन ज़मीनी प्रक्षेपणों का परीक्षण, जैसे कि मिनUTEMAN III का, आज भी सामरिक तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। 2030 तक, मिनUTEMAN III को नए मिसाइल सिस्टम से बदला जाना है, लेकिन तब तक ऐसे परीक्षण जारी रहेंगे।
जब परमाणु हथियारों की शक्ति की बात आती है, तो आज की मिसाइलें 1945 के हिरोशिमा बम (15 किलोटन) की तुलना में कहीं अधिक विनाशकारी हैं। अमेरिका का सबसे शक्तिशाली सक्रिय हथियार, B83 गुरुत्वाकर्षण बम, 1.2 मेगाटन की क्षमता रखता है, जो हिरोशिमा बम से 80 गुना ज़्यादा है। ऐसे बमों में तापमान सूर्य से भी अधिक हो सकता है, जो भारी विनाश और विकिरण का कारण बन सकता है।
विश्व के परमाणु शक्ति वाले देशों में रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, यूके, भारत, पाकिस्तान, इज़राइल और उत्तर कोरिया शामिल हैं। रूस के पास सबसे ज़्यादा हथियार हैं, लेकिन अमेरिका के पास सबसे शक्तिशाली व्यक्तिगत बम हैं। विभिन्न देशों की मिसाइलों, जैसे रूस का RS-28 Sarmat (5-10 मेगाटन) या चीन का DF-5 (3-5 मेगाटन), की विनाशकारी क्षमता बहुत अधिक है।
यह अनुमान लगाया गया है कि अमेरिका के पास इतनी संख्या में परमाणु हथियार हैं कि वह दुनिया को 150 बार नष्ट कर सके। जबकि अमेरिका के पास लगभग 3,700 वारहेड हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि केवल कुछ सौ ही परमाणु सर्दी जैसी वैश्विक आपदा लाने के लिए पर्याप्त होंगे। यह ‘अति-विनाश’ (overkill) क्षमता शीत युद्ध की विरासत है। ऐसे हथियारों का प्रयोग मानवता के अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा है, जो न केवल तत्काल विनाश ला सकता है, बल्कि लंबे समय तक भुखमरी और पर्यावरणीय तबाही का कारण भी बन सकता है।
