इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री, इशाक डार ने अफगानिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ती झड़पों के लिए पूर्व ISI प्रमुख फैज हमीद की 2021 की काबुल यात्रा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इस यात्रा को “महंगी भूल” करार दिया और कहा कि इस तरह की गलतियों को दोहराया नहीं जाना चाहिए।
डार ने बुधवार को सीनेट में बोलते हुए, तत्कालीन इमरान खान सरकार के कार्यकाल के दौरान फैज हमीद की तालिबान नेताओं के साथ काबुल में हुई मुलाकात पर कटाक्ष किया। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के तुरंत बाद फैज हमीद ने काबुल का दौरा किया था, और उनकी एक तस्वीर तालिबान नेताओं के साथ चाय पीते हुए काफी वायरल हुई थी। यह दूसरी बार है जब डार ने इस घटना की आलोचना की है।
डार के अनुसार, तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान को अधिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि TTP, Fitna al-Khawarij, और BLA जैसे आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान की धरती से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।
हाल के दिनों में, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है। पिछले महीने, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के भीतर TTP के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे, जिसमें कई नागरिकों की जान गई थी। इसके जवाब में, तालिबान ने डूरंड रेखा पर पाकिस्तानी सेना पर जवाबी कार्रवाई की थी। वहीं, तालिबान इस बात पर जोर दे रहा है कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जा रहा है।
इस गंभीर स्थिति को संभालने के लिए, कतर और तुर्किये ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई है, जिसके तहत दोनों पक्षों के बीच दो दौर की वार्ताएं संपन्न हो चुकी हैं। आज से इस्तांबुल में एक और महत्वपूर्ण वार्ता शुरू हो रही है, जो दो दिन तक चलेगी। पिछली वार्ता के निष्कर्षों के अनुसार, सभी पक्ष युद्धविराम जारी रखने और शांति बनाए रखने के लिए एक निगरानी तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।
