नई दिल्ली: बांग्लादेश में हाल ही में हुई रहस्यमयी सैन्य गतिविधियों ने भारत को सकते में डाल दिया है। एक बड़ा अज़रबैजानी कार्गो विमान, एंटोनोव AN-124, बिना किसी पूर्व सूचना के ढाका उतरा। इस विमान के कार्गो की प्रकृति और इसके ईरान जैसे संवेदनशील हवाई क्षेत्र से बचकर आने के कारण अटकलों का बाजार गर्म है। सरकारी स्तर पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि विमान में क्या लाया गया था या इसके यात्रा मार्ग को गुप्त क्यों रखा गया।
इसके साथ ही, पाकिस्तान में कराची शिपयार्ड में पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुद्री प्रदर्शनी और सम्मेलन (PIMEC) 2025 के दौरान बांग्लादेशी नौसेना प्रमुख एडमिरल मुश्ताक अहमद की उपस्थिति ने भी ध्यान खींचा। उन्होंने पाकिस्तान के साथ नौसैनिक सहयोग और समुद्री उद्योग में साझेदारी को लेकर चर्चा की। हालांकि इसे एक सामान्य दौरा बताया जा रहा है, लेकिन यह घटनाक्रम पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच रक्षा क्षेत्र में बढ़ते तालमेल की ओर इशारा करता है।
इसके अतिरिक्त, चटोग्राम में एक अमेरिकी सी-130 हरक्यूलिस विमान का उतरना और उसके बाद सौ से अधिक अमेरिकी सैनिकों का एक स्थानीय होटल में ठहरना, इन सभी घटनाओं ने नई दिल्ली की चिंता को और बढ़ा दिया है। चटोग्राम की भौगोलिक स्थिति भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर के बेहद करीब है, जो पूर्वोत्तर भारत को बाकी देश से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील पट्टी है।
भारत के लिए सिलीगुड़ी कॉरिडोर एक अत्यंत महत्वपूर्ण सामरिक बिंदु है। इस संवेदनशील क्षेत्र के पास किसी भी प्रकार की असामान्य सैन्य गतिविधि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनती है। बांग्लादेश में अमेरिकी और पाकिस्तानी सेना की बढ़ती मौजूदगी को सुरक्षा विश्लेषक एक बड़े भू-राजनीतिक बदलाव के रूप में देख रहे हैं, जो सिलीगुड़ी क्षेत्र में भारत की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि बांग्लादेश अपनी रक्षा और सैन्य कूटनीति को फिर से व्यवस्थित कर रहा है। वह पाकिस्तान के साथ रक्षा प्रौद्योगिकी और जहाज निर्माण, अमेरिका के साथ लॉजिस्टिक्स और प्रशिक्षण, और अज़रबैजान से संभावित उपकरण खरीद के माध्यम से अपने सैन्य गठबंधनों का विस्तार कर रहा है।
भारत के लिए यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में पहले से ही बड़ी शक्तियों के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। इन नई सैन्य गतिविधियों से क्षेत्र में और अधिक अनिश्चितता पैदा हो गई है।
हालांकि अभी तक किसी भी सैन्य कार्रवाई के स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन बांग्लादेश में अचानक बढ़ी यह सैन्य गतिविधियाँ, पाक नौसेना के साथ सहयोग और अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति, भारत के महत्वपूर्ण सामरिक गलियारे के पास चिंता का माहौल बना रही हैं। यह सवाल बना हुआ है कि क्या बांग्लादेश जानबूझकर ऐसी रणनीति अपना रहा है जिससे भविष्य में भारत की पूर्वी सीमा की सुरक्षा पर असर पड़े।
