बांग्लादेश के कार्यवाहक मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार उनकी भेंट की गई एक पुस्तक ‘आर्ट ऑफ ट्राइंफ’ के कारण। सोमवार को तुर्की के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल को यह पुस्तक उपहार में देते समय, इसके कवर पर छपा एक विवादास्पद नक्शा चर्चा का विषय बन गया। यह नक्शा ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ की अवधारणा से जुड़ा है, जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश के हिस्से के रूप में दिखाता है।
यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ समय पहले, यूनुस ने यही पुस्तक पाकिस्तान के एक उच्च-स्तरीय अधिकारी को भेंट की थी, जिससे क्षेत्रीय विवाद पैदा हो गया था। ‘आर्ट ऑफ ट्राइंफ’ में बांग्लादेशी छात्रों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां शामिल हैं, लेकिन इसके कवर पर एक विशेष नक्शे ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस नक्शे में असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे भारतीय क्षेत्रों को बांग्लादेश की सीमा में दिखाया गया है।
‘ग्रेटर बांग्लादेश’ की यह परिकल्पना इस्लामिक चरमपंथी समूहों द्वारा फैलाई जा रही है, और यूनुस द्वारा इस पुस्तक को उपहार में देना, विशेषकर तुर्की जैसे महत्वपूर्ण देश को, कूटनीतिक गलियारों में सवालों के घेरे में है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अनजाने में ही सही, ऐसे क्षेत्रीय दावों को बल दे सकता है। भारत सरकार इस मामले पर अभी खामोश है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वह स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।
इस बीच, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के दौरान, मुहम्मद यूनुस ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर दिया, जिसमें व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना शामिल था।
हालांकि, यूनुस ने पहले भारत-बांग्लादेश संबंधों में मौजूदा ‘खटास’ का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि भारत को छात्रों के विरोध प्रदर्शनों से आपत्ति थी और शेख हसीना का भारत में शरण लेना भी दोनों देशों के बीच ‘तनाव’ पैदा कर रहा था। उन्होंने भारतीय मीडिया की ‘फर्जी’ रिपोर्टों को भी बिगड़ते संबंधों के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
