मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, अपने शीर्ष कमांडरों की लगातार हो रही हत्याओं के बाद से सदमे और डर में है। हाल ही में कासगंज में उसके एक वरिष्ठ कमांडर, शेख मोइज मुजाहिद की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद सईद सार्वजनिक रूप से दिखाई देना बंद कर दिया है। यह घटना पाकिस्तान के आतंक कारखाने में खलबली मचा रही है, जहाँ सबसे वांछित आतंकवादी खुद को सबसे असुरक्षित महसूस कर रहा है।
शेख मोइज मुजाहिद को अज्ञात हमलावरों ने तब निशाना बनाया जब वह अपने घर के पास था। हमलावरों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं और मौके से फरार हो गए, जिससे किसी भी तरह के सबूत या गवाह का न मिलना आतंकी नेटवर्क के भीतर भय को और बढ़ा रहा है।
भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का असर अभी बाकी है, जिसने मई 2025 में लश्कर के आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कई ठिकानों पर सटीक हमले कर, हाफिज सईद के आतंकी ढांचे को भारी नुकसान पहुँचाया था। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे और प्रशिक्षण, हथियारों के भंडार, और संचार सुविधाओं को नष्ट कर दिया गया था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साफ कर दिया था कि भारत आतंकवाद को पनपने नहीं देगा।
अब, इन रहस्यमयी हत्याओं के साथ, यह स्पष्ट हो रहा है कि कोई अज्ञात शक्ति हाफिज सईद के संगठन को अंदर से खत्म कर रही है। पिछले सात महीनों में, उसके चार प्रमुख कमांडर मारे जा चुके हैं:
* 31 अक्टूबर 2025: शेख मोइज मुजाहिद, लश्कर के वरिष्ठ कमांडर, कासगंज में मारे गए।
* 18 मई 2025: अबू सैफुल्लाह खालिद, भारत पर हमलों का मास्टरमाइंड, की हत्या।
* 7 मई 2025: अबू काताल, लश्कर के मुख्य परिचालन कमांडर, को खत्म किया गया।
* 16 मार्च 2025: जिया-उर-रहमान, पुंछ और राजौरी आतंकी हमलों के हैंडलर, को मार गिराया गया।
हाफिज सईद, जिस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम है, वह कभी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की छत्रछाया में खुलकर घूमता था। लेकिन अब, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और इन सिलसिलेवार हत्याओं ने उसे डरा दिया है। वह अपनी रैलियां रद्द कर चुका है और छिपने पर मजबूर है।
जो व्यक्ति 166 लोगों की मौत का जिम्मेदार है, उसका अब डर में छिपना ही उसका असली अंजाम है। शिकारी अब शिकार बन चुका है, और पाकिस्तान का यह कुख्यात आतंकवादी आतंक का असली मतलब समझ रहा है।
