रूस ने यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पुल को नष्ट करके यूक्रेनी सेना की आपूर्ति लाइनों पर एक बड़ा प्रहार किया है। इस हवाई हमले से यूक्रेन के लिए सैन्य साजो-सामान, गोला-बारूद और सैनिकों की आवाजाही लगभग असंभव हो गई है, जिससे पूर्वी मोर्चे पर उसकी सैन्य क्षमता पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
**पूर्वी मोर्चे के लिए महत्वपूर्ण पुल तबाह**
यूक्रेनी सेना के लिए डोनेट्स्क क्षेत्र में यह पुल एक लाइफलाइन की तरह था, जिसके माध्यम से वे अपने सैनिकों तक आवश्यक आपूर्ति पहुंचाते थे। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को एक सटीक और सफल सैन्य अभियान घोषित किया है, जिसका उद्देश्य यूक्रेन की युद्ध क्षमता को कमजोर करना है। इस पुल के नष्ट होने से यूक्रेनी सैनिकों को त्वरित मदद या अतिरिक्त बल पहुंचाना बेहद मुश्किल हो जाएगा, जिससे रूसी सेना को फायदा मिल सकता है।
**नागरिकों पर भी खतरा बढ़ा**
जहां रूस इस हमले को अपनी सैन्य सफलता बता रहा है, वहीं यूक्रेन ने इसे एक गंभीर आघात करार दिया है। डोनेट्स्क क्षेत्र के अधिकारियों ने इस पुल के विनाश पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इससे आसपास के इलाकों में रहने वाले आम नागरिकों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। यह पुल यूक्रेन के महत्वपूर्ण पूर्वी क्षेत्र डोनबास के काफी करीब स्थित है, जो लंबे समय से संघर्ष का केंद्र रहा है। हाल के हफ्तों में इस क्षेत्र में हमलों में वृद्धि देखी गई है।
**अंतरराष्ट्रीय अपील और चिंता**
यूक्रेनी अधिकारियों ने इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल सहायता की गुहार लगाई है। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि यूक्रेन पीछे नहीं हटेगा और हर नुकसान से और मजबूत होगा। वहीं, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस के इस कदम की निंदा की है और आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि रूस की रणनीति सर्दियों के आने से पहले यूक्रेन की सैन्य तैयारियों को बाधित करने की है।
**युद्ध का बढ़ता दायरा**
यह घटना युद्ध की बढ़ती गंभीरता को दर्शाती है, जो अब अपने 1,000वें दिन के करीब है। डोनेट्स्क में पुल का विनाश न केवल यूक्रेन की सैन्य गतिशीलता को प्रभावित करेगा, बल्कि क्षेत्र में मानवीय संकट को भी बढ़ा सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने पहले भी रूसी सेना पर नागरिक ठिकानों पर हमले के आरोप लगाए हैं, जो स्थिति को और गंभीर बनाते हैं।
**वैकल्पिक रास्तों की तलाश**
इस महत्वपूर्ण आपूर्ति मार्ग के बंद होने से यूक्रेन को जल्द ही वैकल्पिक रास्तों की तलाश करनी होगी, जो एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। रूस की हवाई श्रेष्ठता के सामने ऐसे वैकल्पिक मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी कठिन होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला युद्ध के अगले चरण का संकेत हो सकता है, जहां दोनों पक्ष और अधिक निर्णायक कार्रवाई कर सकते हैं।
वर्तमान में, शांति वार्ता की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है, और दोनों देश आगामी महीनों में भीषण लड़ाई के लिए तैयार हैं।
