अमेरिका ने H1B वीज़ा कार्यक्रम के दुरुपयोग को लेकर नया कदम उठाया है, जिसमें भारत को सबसे बड़ा लाभार्थी बताते हुए उस पर निशाना साधा गया है। श्रम विभाग द्वारा जारी एक सोशल मीडिया विज्ञापन में कहा गया है कि H1B प्रणाली के गलत इस्तेमाल के कारण कई युवा अमेरिकी नागरिकों के रोज़गार के अवसर छिन गए हैं और उनके स्थान पर विदेशी कर्मचारियों को लाया गया है।
यह विज्ञापन ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ के तहत जारी किया गया है, जिसका लक्ष्य H1B वीज़ा के नियमों का पालन सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य यह रोकना है कि कंपनियां अमेरिकी कर्मचारियों को कम वेतन वाले विदेशी श्रमिकों से न बदलें, विशेष रूप से तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में। विज्ञापन में यह भी दावा किया गया है कि 72% H1B वीज़ा भारतीयों को मिले हैं और वर्तमान सरकार अमेरिकी श्रमिकों को प्राथमिकता दे रही है।
सरकार का कहना है कि वीज़ा प्रणाली के दुरुपयोग को ठीक करने के लिए ‘प्रोजेक्ट फायरवॉल’ जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। इस विज्ञापन को घरेलू रोज़गार को बढ़ावा देने और सख्त वीज़ा जांच लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
इसके साथ ही, अमेरिकी गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक ऐसी नीति को समाप्त कर दिया है, जो बिडेन प्रशासन के तहत विदेशी गैर-आप्रवासी वीज़ा धारकों को स्वचालित रूप से वर्क परमिट विस्तार की अनुमति देती थी। अब, ऐसे विस्तार के लिए अनिवार्य रूप से पुनर्मूल्यांकन से गुजरना होगा। यह परिवर्तन उन लाखों भारतीय श्रमिकों के लिए चिंता का विषय बन सकता है जो अमेरिका में काम करते हैं।
 
									 
					