पाकिस्तान का आतंकवाद से संबंध एक बार फिर उजागर हुआ है। अफ़ग़ानिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने एक ISIS आतंकवादी को पकड़ा है, जिसने अपने कबूलनामे से पाकिस्तान के दोहरे मापदंडों की पोल खोल दी है। यह आतंकवादी कसम खाकर कहता है कि उसे पाकिस्तान के क्वेटा शहर में आतंकी प्रशिक्षण मिला था, जिसके बाद उसे अफ़ग़ानिस्तान में घुसपैठ करने का आदेश मिला।
पकड़े गए आतंकवादी की पहचान सईदउल्लाह के रूप में हुई है। उसने अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के सामने विस्तार से बताया कि कैसे उसे पाकिस्तान में तैयार किया गया। उसके कबूलनामे के वीडियो अफ़ग़ानिस्तान के मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित हो रहे हैं, जिससे दुनिया को सच्चाई का पता चल रहा है।
**सईदउल्लाह का खुलासे वाला बयान**
जारी किए गए वीडियो में, सईदउल्लाह ने बताया कि वह फर्जी पहचान पत्र का उपयोग करके ‘मोहम्मद’ नाम से तोरखम सीमा के रास्ते अफ़ग़ानिस्तान में दाखिल हुआ था। उसने क्वेटा के पहाड़ी इलाकों में बिताए समय का ज़िक्र करते हुए कहा कि वहां उसे कट्टरपंथी विचारधारा सिखाई गई और जिहाद के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया गया।
उसने कैमरे पर कहा, “जब मैंने नकली कागज़ात के साथ अफ़ग़ानिस्तान में प्रवेश किया, तो मैं मोहम्मद नाम का इस्तेमाल कर रहा था। क्वेटा में, उन्होंने मुझे पहाड़ों में ले जाकर जिहाद के लिए तैयार किया।” यह बयान पाकिस्तान के उन दावों को झुठलाता है कि वह आतंकवाद का समर्थन नहीं करता।
**आतंकवाद का स्रोत पाकिस्तान?**
इस आतंकवादी की गिरफ्तारी ने क्षेत्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच नई बहस छेड़ दी है। कई लोग अब खुले तौर पर कह रहे हैं कि पाकिस्तान न केवल आतंकवादियों को शरण दे रहा है, बल्कि सक्रिय रूप से उन्हें प्रशिक्षित भी कर रहा है।
सैन्य विश्लेषक यूसुफ अमीन ज़ज़ई ने कहा, “यह स्पष्ट है कि अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवाद का पोषण नहीं हो रहा है। इसके पीछे बाहरी ताकतों का हाथ है, जिन्हें पाकिस्तान से समर्थन मिलता है।”
राजनीतिक विश्लेषक नकीबुल्लाह नूरी ने इस खुलासे को पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका बताया। उनके अनुसार, “यह सबूत पाकिस्तान की मासूमियत के दावों को पूरी तरह से खत्म कर देता है। अब यह निर्विवाद है कि पाकिस्तान ही आतंकवाद के प्रशिक्षण का मुख्य केंद्र है, जिसमें सरकार का हाथ है।”
**पिछली घटनाएं भी करती हैं इशारा**
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों का खुलासा हुआ है। इसी साल जनवरी में, अफ़ग़ानिस्तान के केंद्रीय सुरक्षा आयोग ने बताया था कि कराची और इस्लामाबाद हवाई अड्डों से ISIS के नए रंगरूटों को सीधे बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के प्रशिक्षण शिविरों में भेजा जा रहा था।
खुफिया रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि इन प्रशिक्षित आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य अफ़ग़ानिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों में हमले करना था। पाकिस्तान एक ओर खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के आतंकी समूहों को तैयार करने का काम जारी रखता है। बढ़ते सबूतों के सामने पाकिस्तान के इनकार के मायने अब कम होते जा रहे हैं।
 
									 
					