बांग्लादेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है, जहां अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने देश के आगामी आम चुनावों की निष्पक्षता पर गंभीर चिंता जताई है। उनकी यह चिंता तब और बढ़ गई है जब प्रमुख विपक्षी दल, अवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। यूनुस ने बुधवार को कहा कि देश के भीतर और बाहर की “शक्तिशाली ताकतें” चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकती हैं।
यूनुस के अनुसार, “कई ताकतें” चुनावों को “खराब” करने के लिए सक्रिय होंगी। उन्होंने विशेष रूप से दुष्प्रचार के “सुनियोजित अभियान” की आशंका जताई, जिसमें सोशल मीडिया पर AI-जनित फेक न्यूज फैलाना भी शामिल हो सकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है।
दूसरी ओर, निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में “लोकतंत्र की बहाली” का संकल्प लिया है। एक साल से अधिक समय बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बोलते हुए, हसीना ने कहा कि वे और उनके लाखों समर्थक आगामी चुनावों का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने वर्तमान सरकार की कड़ी आलोचना की है।
आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त में एक हिंसक छात्र आंदोलन के बाद हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभाला। यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने अवामी लीग की गतिविधियों पर रोक लगा दी और हसीना सहित कई नेताओं पर मुकदमा भी चलाया। चुनाव आयोग ने अवामी लीग का पंजीकरण रद्द करके उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया है।
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभर रही है। अवामी लीग के समर्थकों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के चलते ढाका में कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं, जिससे देश में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
