नाटो क्षेत्र के पूर्वी किनारे पर एक अभूतपूर्व घटना में, एस्तोनिया ने कथित तौर पर 17 अक्टूबर को एक रूसी ड्रोन को मार गिराया, जिसने उसकी वायु सीमा का उल्लंघन किया था। यह कार्यवाही, जिसे गठबंधन के एक प्रमुख सदस्य द्वारा हाल के महीनों में सबसे निर्णायक कार्यों में से एक माना जा रहा है, यूक्रेन युद्ध के बीच रूस द्वारा बढ़ते उकसावों पर नाटो की प्रतिक्रिया पर सवाल खड़े करती है। यह घटना कैंप रीडो के पास हुई, जो रूस की सीमा से सटा हुआ एक महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा है, और इसने नाटो की ‘रेड लाइन्स’ की अस्पष्टता पर चर्चा को फिर से तेज कर दिया है।
प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार, 17 अक्टूबर की शाम को दो अज्ञात ड्रोन एस्तोनियाई हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते पाए गए। एस्तोनियाई रक्षा मंत्रालय ने बाद में पुष्टि की कि मित्र देशों की वायु सेना ने एक ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया, जबकि दूसरा ड्रोन तुरंत रूसी क्षेत्र की ओर लौट गया। हालांकि आधिकारिक तौर पर ड्रोन के मूल देश का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह एक रूसी टोही विमान हो सकता है, जिसका उद्देश्य नाटो की रक्षा क्षमताओं का परीक्षण करना था।
इस घटना का समय विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इसके ठीक एक सप्ताह बाद, 27 अक्टूबर को, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एस्तोनिया के विदेश मंत्री मार्गस ताहक्ना से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। बाल्टिक सागर क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच हुई यह बैठक, यूक्रेन को नाटो सदस्यों के बढ़ते समर्थन को दर्शाती है।
ज़ेलेंस्की ने अपने एक्स (ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “मेरी एस्तोनिया के विदेश मंत्री मार्गस ताहक्ना के साथ एक उपयोगी बैठक हुई। हमने यूक्रेन के लिए दीर्घकालिक सैन्य क्षमताओं, ड्रोन निर्माण और व्यापक रक्षा समर्थन पर गहन चर्चा की। इसके अतिरिक्त, हमने यूक्रेन और ज्वाइंट एक्सपीडिशनरी फोर्स (जेईएफ) के बीच सहयोग, रूस के खिलाफ दबाव बढ़ाने की रणनीतियों, कूटनीतिक प्रयासों और अगले साल नॉर्डिक-बाल्टिक आठ समूह में एस्तोनिया की अध्यक्षता की प्राथमिकताओं पर भी अपने विचार साझा किए।”
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने एस्तोनिया के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “हम एस्तोनियाई लोगों और सरकार के प्रति उनके निरंतर समर्थन के लिए अत्यंत कृतज्ञ हैं। यूक्रेन के यूरोपीय संघ में शामिल होने के मार्ग, प्रतिबंधों और हमारे सैनिकों के प्रति उनके समर्थन का हम हृदय से सम्मान करते हैं। एस्तोनिया की सहायता पर यूक्रेन हमेशा भरोसा कर सकता है।”
एस्तोनिया नाटो में यूक्रेन का एक प्रमुख समर्थक रहा है, जिसने अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 1.4% हिस्सा सैन्य सहायता के रूप में कीव को प्रदान किया है, जो प्रति व्यक्ति सबसे अधिक सहायता राशियों में से एक है। इसके अलावा, एस्तोनिया यूरोपीय संघ द्वारा रूस पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों और यूक्रेन के लिए संयुक्त ड्रोन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार प्रयासरत रहा है।
इस कथित ड्रोन घटना ने एस्तोनिया की अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की दृढ़ता को दर्शाया है, जो कि नाटो के पूर्वी हिस्से की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना गठबंधन के रुख में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे सकती है, जो रूसी उकसावों के प्रति अब तक अधिक संयमित प्रतिक्रिया दे रहा था।
भले ही नाटो और एस्तोनिया दोनों ने इस मुद्दे पर सावधानी भरा रुख अपनाया हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि गठबंधन के सबसे छोटे सदस्य अब अपनी हवाई सीमाओं के उल्लंघन को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं।
वर्ष 2026 में नॉर्डिक-बाल्टिक आठ समूह की अध्यक्षता संभालने की तैयारी कर रहे एस्तोनिया का यह आक्रामक रवैया, आने वाले समय में रूस द्वारा अपनाई जाने वाली हाइब्रिड युद्ध की रणनीतियों, जैसे कि साइबर हमले और ड्रोन घुसपैठ, के प्रति यूरोपीय देशों की सामूहिक प्रतिक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
