अंतरिक्ष की गहराइयों से आया एक धूमकेतु, 3I/ATLAS, वैज्ञानिक समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है। 1 जुलाई 2025 को खोजा गया यह अंतरतारकीय आगंतुक, हमारे सौर मंडल में आने वाली तीसरी ऐसी ज्ञात वस्तु है। नासा ने स्पष्ट किया है कि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है, लेकिन इसकी कुछ अनोखी विशेषताएं हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध खगोल भौतिकीविद् डॉ. एवी लोएब जैसे वैज्ञानिकों को यह सोचने पर मजबूर कर रही हैं कि कहीं यह किसी एलियन सभ्यता का बनाया उपकरण तो नहीं।
**1. असामान्य रासायनिक मिश्रण:** 3I/ATLAS से भारी मात्रा में निकल का उत्सर्जन हो रहा है, लेकिन लोहे का बिल्कुल भी पता नहीं चला है। यह बात वैज्ञानिकों को हैरान कर रही है क्योंकि प्रकृति में ये दोनों तत्व अक्सर एक साथ पाए जाते हैं। क्या यह किसी कृत्रिम निर्माण का परिणाम हो सकता है?
**2. औद्योगिक रसायन की उपस्थिति:** इस धूमकेतु में निकल टेट्राकार्बोनिल जैसे रसायन मिले हैं, जिनका उपयोग पृथ्वी पर धातु के औद्योगिक शोधन में किया जाता है। डॉ. लोएब का मानना है कि यह किसी इंजीनियर या मानव निर्मित सामग्री की ओर इशारा करता है।
**3. सूर्य की ओर जाती पूंछ:** शुरुआती तस्वीरों में धूमकेतु की पूंछ सूर्य की ओर जाती दिखी, जो कि धूमकेतुओं के सामान्य व्यवहार के विपरीत है। बाद में यह बदली, जिसे डॉ. लोएब नियंत्रित गति का संकेत मानते हैं, जो किसी बुद्धिमान नियंत्रण का परिणाम हो सकता है।
**4. अनोखी कक्षा:** 3I/ATLAS की कक्षा अतिपरवलयिक (hyperbolic) है, जिसका अर्थ है कि यह सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधा नहीं है। इसकी तेज गति और अप्रत्याशित रास्ता यह जताता है कि यह किसी सामान्य तारकीय प्रणाली से नहीं आया है, जो इसके कृत्रिम होने की संभावना को बढ़ाता है।
**5. चिकनी सतह, चट्टानें नहीं:** लोएब के दल ने पाया कि 3I/ATLAS की सतह बेहद चिकनी है और इसमें चट्टानों के कोई निशान नहीं हैं। यह किसी विशाल अंतरिक्ष यान की सतह जैसा दिखता है, न कि किसी प्राकृतिक खगोलीय पिंड का।
**6. विशाल आकार और रफ्तार:** लगभग 12 मील चौड़ा और 130,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर रहा यह धूमकेतु, ज्ञात अंतरतारकीय वस्तुओं में सबसे बड़ा और तेज है। इतना विशाल और तेज वस्तु संभवतः किसी विशेष उद्देश्य से बनाई गई हो सकती है।
**7. औद्योगिक सामग्री से समानता:** धूमकेतु की समग्र बनावट, उत्सर्जन और व्यवहार पृथ्वी पर औद्योगिक धातुओं की प्रसंस्करण तकनीकों से काफी मेल खाता है। डॉ. लोएब के अनुसार, यह संयोग नहीं हो सकता और यह एलियन निर्मित वस्तु होने की ओर इशारा करता है।
**भविष्यवाणी:** 29-30 अक्टूबर को जब 3I/ATLAS सूर्य के सबसे करीब होगा, तो वैज्ञानिक नई जानकारी जुटाने की कोशिश करेंगे। नासा का साइकी और ईएसए का ज्यूस मिशन इसे बारीकी से देखेंगे। यह अवलोकन हमारे ब्रह्मांड और उसमें मौजूद जीवन के बारे में हमारी समझ को हमेशा के लिए बदल सकता है।
