आसियान शिखर सम्मेलन 2025 में, चीनी प्रीमियर ली छियांग ने वैश्विक मंच पर ‘एकपक्षीयता’ और ‘मजबूतों के वर्चस्व’ के रवैये की कड़ी आलोचना की। यह बयान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक से ठीक पहले आया है।
कुआलालंपुर: मलेशिया में हो रहे आसियान शिखर सम्मेलन में, चीनी प्रीमियर ली छियांग ने सोमवार को कहा कि दुनिया को ‘जंगल के कानून’ की ओर पीछे नहीं हटना चाहिए, जहाँ ‘ताकतवर कमजोरों पर हावी होते हैं’। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और चीन के नेता जल्द ही एक व्यापार सौदे पर बातचीत करने वाले हैं।
सम्मेलन में बोलते हुए, ली छियांग ने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक वैश्वीकरण और बहुध्रुवीयता की प्रवृत्ति को पलटा नहीं जा सकता। उन्होंने अमेरिका की व्यापार नीतियों की ओर इशारा करते हुए कहा, “दुनिया को जंगल के उस नियम की ओर नहीं लौटना चाहिए जहाँ शक्तिशाली कमजोरों को सताते हैं।”
यह घटनाक्रम इस घोषणा के तुरंत बाद आया कि अमेरिका और चीन के बीच संभावित व्यापार सौदे को लेकर ‘प्रारंभिक सहमति’ बन गई है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेस्सेंट ने भी संकेत दिया कि चीनी उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाने की योजना को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
यह टैरिफ, मूल रूप से चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के निर्यात को नियंत्रित करने की प्रतिक्रिया के रूप में प्रस्तावित किए गए थे। ये सामग्रियाँ आधुनिक तकनीक और रक्षा उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
राष्ट्रपति ट्रम्प और राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुरुवार को दक्षिण कोरिया में मुलाकात करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच जारी व्यापार तनाव को कम करने के लिए एक समझौता खोजना है। ट्रम्प ने यात्रा के दौरान कहा कि वह इस बैठक से अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं।
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव बेस्सेंट ने यह भी पुष्टि की कि चीन द्वारा वैश्विक निर्यात नियंत्रण लागू करने के संभावित खतरे को भी फिलहाल टाल दिया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को लेकर कुछ राहत मिली है।
चीनी सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, दोनों पक्षों ने एक संभावित व्यापार समझौते पर ‘बुनियादी सहमति’ पर पहुँचने की पुष्टि की है। यह सहमति आसियान शिखर सम्मेलन के इतर हुई दो दिवसीय बैठकों के बाद बनी, जिसमें अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ट्रेजरी सचिव बेस्सेंट ने किया था।
