रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को एक ऐसी मिसाइल के सफल परीक्षण का ऐलान किया है जो वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल सकती है। ‘बु.र.वे.स्.नि.क’ नामक यह परमाणु-संचालित क्रूज मिसाइल 14,000 किलोमीटर की अविश्वसनीय दूरी तय करने और किसी भी ज्ञात अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली को भेदने की क्षमता रखती है। पुतिन का संदेश स्पष्ट है: रूस के पास अब एक ऐसा हथियार है जिसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।
**’बु.र.वे.स्.नि.क’ – एक असीमित रेंज वाला हथियार**
‘बु.र.वे.स्.नि.क’, जिसे नाटो ‘स्काईफॉल’ के नाम से जानता है, पारंपरिक मिसाइलों से बिल्कुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका परमाणु रिएक्टर है, जो इसे अनंत रेंज प्रदान करता है। यह मिसाइल दिनों तक हवा में रहकर, लंबी दूरी तय करते हुए, और यहां तक कि पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए भी अपने लक्ष्य पर सटीक हमला कर सकती है। यह क्षमता इसे किसी भी मौजूदा रक्षा ढांचे के लिए एक अभूतपूर्व खतरा बनाती है।
2018 में पहली बार घोषित, ‘बु.र.वे.स्.नि.क’ का लक्ष्य असीमित रेंज और मिसाइल रक्षा प्रणालियों को अप्रभावी बनाना था। रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, जनरल वलेरी गेरासिमोव ने हालिया परीक्षण के बारे में बताते हुए कहा कि मिसाइल ने लगभग 15 घंटे तक उड़ान भरी और 14,000 किमी की दूरी पार की। यह सीमा अभी और बढ़ाई जा सकती है। इस परीक्षण ने साबित कर दिया कि पुतिन के दावे वास्तविकता पर आधारित थे।
**14,000 किमी की उड़ान: 15 घंटे का निरंतर ऑपरेशन**
यह परीक्षण 21 अक्टूबर को हुआ, जिसमें ‘बु.र.वे.स्.नि.क’ ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। 14,000 किमी की यात्रा किसी भी पारंपरिक क्रूज मिसाइल की क्षमता से कहीं अधिक है। इससे यह स्पष्ट है कि यह मिसाइल लंबी दूरी के हमलों के लिए एक शक्तिशाली हथियार साबित हो सकती है।
**क्यों अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली इस पर नाकाम हैं?**
अमेरिका की मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणालियाँ, जैसे THAAD और पैट्रियट, विशिष्ट प्रक्षेपवक्र और सीमित रेंज वाली मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। ‘बु.र.वे.स्.नि.क’ की कम ऊंचाई पर उड़ने, भूभाग का अनुसरण करने और लगातार दिशा बदलने की क्षमता इसे राडार और इंटरसेप्टर मिसाइलों से छिपाए रखने में मदद करती है। परमाणु प्रणोदन इसे लंबे समय तक सक्रिय रहने और अप्रत्याशित युद्धाभ्यास करने की सुविधा देता है, जिससे पारंपरिक रक्षा प्रणालियाँ पूरी तरह से बेकार हो जाती हैं।
**वैश्विक चिंताएं और पर्यावरणीय जोखिम**
हालांकि पश्चिमी देशों के रक्षा विशेषज्ञ इस मिसाइल की क्षमताओं पर संदेह जता रहे हैं और सार्वजनिक रूप से पर्याप्त प्रमाण न होने की बात कह रहे हैं, वहीं परमाणु-संचालित मिसाइल से जुड़े पर्यावरणीय और सुरक्षा जोखिमों की चिंताएं भी सामने आई हैं। उड़ान के दौरान रेडियोधर्मी उत्सर्जन का खतरा एक गंभीर मुद्दा है।
फिर भी, यह स्पष्ट है कि ‘बु.र.वे.स्.नि.क’ एक ऐसी हथियार तकनीक का प्रतिनिधित्व करती है जिसे अमेरिका वर्तमान में टक्कर देने में सक्षम नहीं है। यह नई वास्तविकता वैश्विक शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
