पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी सबसे बदतर सच्चाई को दुनिया के सामने उजागर किया है। सिंध प्रांत में, जहां कथित तौर पर elites अपनी पार्टियों में मग्न हैं, 1.3 मिलियन बच्चे आधुनिक दासता के भयानक जाल में फंसे हुए हैं। इन बच्चों की उम्र मात्र पांच साल है, और वे घंटों की कठिन मजदूरी में लगे रहते हैं, जिससे उनका बचपन छिन रहा है। यह बाल श्रम का भयावह दृश्य सिंध के भीतर गहरा जड़ें जमा चुका है। जब देश के शीर्ष नेता भव्य समारोहों में भाग ले रहे हैं, ऐसे में इन लाखों बच्चों का शोषण एक गंभीर चिंता का विषय है। इस संकट के समाधान के लिए तत्काल हस्तक्षेप आवश्यक है।
Trending
- कुरनूल बस हादसा: नशे में ड्राइविंग को हैदराबाद पुलिस ने बताया ‘आतंकवाद’
- परमाणु मिसाइल “ब्यूरेवेसनिक” का सफल परीक्षण, पुतिन ने दिए तैनाती के आदेश
- सामाजिक विकास का मूलमंत्र है शिक्षा, शिक्षा के बिना जीवन अधूरा –मुख्यमंत्री श्री साय
- मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छठ पर्व की दी हार्दिक शुभकामनाएँ
- “पूना मारगेम” से जनविरोधी माओवादी विचारधारा का खात्मा, बस्तर में हो रही शांति की स्थापना —मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
- प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान
- बोतल के ढक्कन में छिपाया ₹20 लाख का सोना, दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्री पकड़ा
- पाकिस्तान की शर्मनाक हकीकत: सिंध में 13 लाख बच्चे बंधुआ मजदूरी के शिकार
