पेंटागन ने गुरुवार को पुष्टि की कि कैरेबियन सागर में एक अमेरिकी मिसाइल हमले में छह संदिग्ध मादक पदार्थ तस्करों की मौत हो गई। यह हमला ‘ट्रेन डे अरगुआ’ (TdA) गिरोह से जुड़े एक जहाज पर किया गया था, जो अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त था। यह अमेरिकी सेना का सितंबर से जारी अभियान में दसवां सफल ऑपरेशन है।
अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया कि यह मिसाइल स्ट्राइक राष्ट्रपति के सीधे आदेश पर की गई थी। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने बताया कि खुफिया जानकारी से पुष्ट हुआ था कि लक्षित जहाज मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिमी गोलार्ध में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले किसी भी समूह को अब आतंकवादी संगठन के रूप में देखा जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह नवीनतम हमला, जो पिछले कुछ हफ्तों में देखे गए हमलों की आवृत्ति में वृद्धि का संकेत देता है, अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ गिरोहों के खिलाफ बढ़ती आक्रामकता को दर्शाता है। पेंटागन का कहना है कि यह अभियान नशीले पदार्थों के कार्टेल को कमजोर करने और पूरे क्षेत्र में फैल रही अस्थिरता को रोकने के लिए चलाया जा रहा है। सितंबर में अभियान शुरू होने के बाद से अब तक कम से कम 46 संदिग्ध तस्करों को निशाना बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन में किसी भी अमेरिकी सैनिक को कोई नुकसान नहीं हुआ। इसके अलावा, इसी तरह के दो अन्य ऑपरेशन पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में भी किए गए हैं, जो इस अभियान के बढ़ते दायरे को इंगित करते हैं।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय जल में इस तरह के घातक बल के प्रयोग और मादक पदार्थों के तस्करों को “आतंकवादियों” के रूप में वर्गीकृत करने के अमेरिकी फैसले पर कानूनी और मानवाधिकार समूहों ने सवाल उठाए हैं। पेंटागन ने अपने दावों के समर्थन में कोई स्वतंत्र सबूत या विस्तृत जानकारी जारी नहीं की है, जिससे पारदर्शीता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्षेत्रीय सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने आमतौर पर ऐसे कार्यों पर पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुपालन की मांग की है। पेंटागन का कहना है कि उन्हें जहाज की तस्करी में संलिप्तता की पक्की जानकारी थी और यह हमला राष्ट्रपति के सीधे आदेश पर ही अंजाम दिया गया।
