भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। संगठन इस वर्ष के अंत तक 6.5 टन वजनी ‘ब्लू-बर्ड-6’ नामक संचार उपग्रह को लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने इस आगामी प्रक्षेपण की पुष्टि की है।
यह बहुप्रतीक्षित लॉन्च, नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार मिशन (NISAR) की हालिया सफलता के बाद अंतरिक्ष सहयोग की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। डॉ. नारायणन ने एस्टिक-2025 (ESTIC-2025) के लिए एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया, “ब्लू-बर्ड एक संचार उपग्रह है। हमने उपग्रह प्राप्त कर लिया है और लॉन्च की तैयारियां चल रही हैं। इसके लिए आवश्यक लॉन्च वाहन का निर्माण जारी है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि यह प्रक्षेपण साल के अंत तक पूरा हो जाएगा, हालांकि सटीक तारीख की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा की जाएगी।
यह ब्लॉक-2 ब्लू-बर्ड उपग्रह, जो अमेरिका की AST SpaceMobile द्वारा विकसित किया गया है, भारत के सबसे शक्तिशाली लॉन्च वाहन, LVM3 पर सवार होकर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से उड़ान भरेगा। 6.5 टन का यह उपग्रह वाणिज्यिक उपग्रहों की श्रेणी में सबसे भारी माना जा रहा है। यह लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित किया जाएगा और 19 अक्टूबर को अमेरिका से भारत लाया गया था।
इसके अतिरिक्त, डॉ. नारायणन ने भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सूचित किया कि गगनयान के विकास का लगभग 85-90% कार्य पूरा हो चुका है। वर्तमान में एकीकृत परीक्षण और सॉफ्टवेयर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मानवयुक्त मिशन से पहले, तीन मानव रहित मिशन सुरक्षा और सिस्टम की पूर्ण विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लॉन्च किए जाएंगे।