यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की व्हाइट हाउस यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में गरमाहट ला दी है। शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान, ज़ेलेंस्की ने रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए अमेरिकी टॉmahawk मिसाइलों की मांग की। हालांकि, ट्रंप ने इस बिक्री को लेकर कुछ हिचकिचाहट जाहिर की है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।
मिसाइलें क्यों चाहता है यूक्रेन?
ज़ेलेंस्की का मानना है कि टॉmahawk क्रूज मिसाइलें यूक्रेन को रूसी सेना को निर्णायक रूप से पीछे धकेलने और अंततः मॉस्को को बातचीत की मेज पर लाने में मदद कर सकती हैं। इन मिसाइलों की 1,600 किलोमीटर की रेंज यूक्रेन को रूसी ठिकानों पर दूर से हमला करने की क्षमता प्रदान करती है। ज़ेलेंस्की ने इस अवसर को युद्ध समाप्त करने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रस्तुत किया, खासकर मध्य पूर्व में ट्रंप की मध्यस्थता की सफलता को देखते हुए।
ट्रंप का बदला रवैया
शुरुआत में मिसाइल सौदे के प्रति सकारात्मक दिखने वाले ट्रंप, हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बातचीत के बाद अधिक सतर्क हो गए हैं। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को भी अपने लिए टॉmahawk मिसाइलों की आवश्यकता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह मौजूदा अमेरिकी भंडार को कम करने में संकोच कर रहे हैं। पुतिन के एक वरिष्ठ सलाहकार ने भी कथित तौर पर कहा है कि मिसाइलें सप्लाई करने से युद्ध का रुख नहीं बदलेगा, लेकिन यह अमेरिका और रूस के संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा।
ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव बढ़ाने की कोशिश
इस यात्रा के दौरान, ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के विशाल भूमिगत गैस भंडारणों का उपयोग करके यूरोप में अमेरिकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की पहुंच बढ़ाने का प्रस्ताव भी पेश किया। इस सौदे से न केवल यूक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र का पुनर्निर्माण होगा, बल्कि यूरोप के ऊर्जा बाजार में अमेरिका का प्रभाव भी बढ़ेगा। उन्होंने इस प्रस्ताव पर अमेरिकी ऊर्जा सचिव और प्रमुख उद्योगपतियों के साथ भी चर्चा की।
शांति वार्ता में ट्रंप की भूमिका?
हाल ही में मध्य पूर्व में एक कूटनीतिक सफलता हासिल करने के बाद, ट्रंप ने यूक्रेन संकट को हल करने में अपनी रुचि दिखाई है। उन्होंने युद्ध को समाप्त करने के लिए पुतिन के साथ सीधी या अप्रत्यक्ष बातचीत की संभावना तलाशने की इच्छा व्यक्त की है, और उन्होंने बुडापेस्ट में मुलाकात करने का भी प्रस्ताव दिया है। ट्रंप ने यह स्वीकार किया कि ज़ेलेंस्की और पुतिन के बीच सीधे संबंध अच्छे नहीं हैं, और इसीलिए वह दोनों नेताओं के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने की सोच रहे हैं।