अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने वैश्विक शांति प्रयासों का बखान करते हुए कहा है कि वे दुनिया के आठ युद्धों को सुलझाने में सफल रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि इसे हल करना उनके लिए ‘एकदम आसान’ होगा।
व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान, ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अपनी कथित भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने आठ युद्ध सुलझाए हैं। रवांडा, कांगो, भारत-पाकिस्तान… आप जानते हैं, हर बार जब मैंने युद्ध सुलझाए, तो लोगों ने कहा कि अगला युद्ध सुलझाने पर नोबेल पुरस्कार मिलेगा। पर मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। किसी और को मिला, जो बहुत अच्छी महिला हैं। मुझे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं बस लोगों की जान बचाने में विश्वास रखता हूं।’
ट्रंप ने आगे जोड़ा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने लाखों जानें बचाईं। भारत और पाकिस्तान को देखें, वह एक बहुत ही खतरनाक स्थिति हो सकती थी। हाँ, मुझे यह भी पता है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमला किया है या वहां हमले हो रहे हैं। यह मेरे लिए बहुत आसान होगा अगर मुझे यह सुलझाना पड़े। फिलहाल मैं अमेरिका पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, लेकिन मुझे युद्धों को समाप्त करना पसंद है। यह इसलिए क्योंकि मैं लोगों को मरते हुए नहीं देखना चाहता। मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है।’
यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में की गई हवाई कार्रवाई में कम से कम आठ लोग मारे गए थे, जो कि एक युद्धविराम का उल्लंघन था। इस हमले में तीन अफगान क्रिकेटरों की मौत की भी खबरें आईं, जिसके बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान के साथ आगामी टी-20 श्रृंखला से अपना नाम वापस ले लिया।
ट्रंप की भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात मई में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद के घटनाक्रम से जुड़ी है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी शिविरों पर सटीक हमले किए थे, जो पुलवामा हमले के जवाब में थे। ट्रंप का यह दावा रहा है कि कूटनीति और व्यापारिक समझौतों से उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने में मदद की थी।
हालांकि, भारत सरकार ने ट्रंप के मध्यस्थता के दावों को हमेशा खारिज किया है। भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है कि पाकिस्तान से जुड़े सभी मुद्दे, जिनमें कश्मीर का मामला भी शामिल है, केवल द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से ही हल किए जा सकते हैं।