अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमास को एक कड़ा संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने समूह को सीधे चेतावनी दी है कि अगर वे गाजा में नागरिकों को निशाना बनाना बंद नहीं करते हैं, तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा। ट्रम्प ने कहा, “हमारे पास विकल्प नहीं होगा सिवाय इसके कि हम वहां जाएं और उन्हें खत्म कर दें।” यह बात उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट ‘ट्रुथ सोशल’ पर साझा की, जिसने तुरंत ध्यान आकर्षित किया।
इससे पहले, ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति ने गाजा में शवों की बरामदगी और शांति वार्ता की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने बताया कि कैसे मलबे और गहरी सुरंगों से शवों को निकालने का काम चल रहा है, और यह एक “भयानक” प्रक्रिया है। उनकी बातों से यह साफ था कि अमेरिकी और सहयोगी टीमें जमीनी हकीकत से रूबरू हैं, जहां लंबे समय से दबे हुए या मलबे के नीचे फंसे शवों को निकालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने हथियारों के मुद्दे पर हमास पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमास को अमेरिका द्वारा मध्यस्थता किए गए शांति समझौते की शर्तों का पालन करना चाहिए और अपने सभी हथियार सौंप देने चाहिए। “हथियारों को सौंपना होगा,” उन्होंने कहा, “वे इसके लिए सहमत हुए हैं। अब उन्हें यह करना ही होगा। यदि वे नहीं करते हैं, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे।”
यह स्पष्ट अल्टीमेटम था कि हमास को निहत्थे होना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “वे निहत्थे होने जा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने ऐसा करने का वादा किया है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम उन्हें निहत्था कर देंगे।” उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि वे “किसी भी तरह के खेल में शामिल नहीं हैं।”
यह बयान अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान आया। इस मुलाकात से पहले, अमेरिका ने अर्जेंटीना के लिए 20 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता का ऐलान किया था। ट्रम्प के इस बयान का दोहरा महत्व है; यह न केवल एक राजनीतिक संकेत है, बल्कि एक सैन्य चेतावनी भी है। गाजा संघर्ष, जो अब तक क्षेत्रीय स्तर पर सीमित था, अब वाशिंगटन को सीधे तौर पर मध्य पूर्व की कूटनीति में घसीट रहा है। हमास के खिलाफ उनकी यह सीधी चेतावनी दर्शाती है कि व्हाइट हाउस की धैर्य की सीमा समाप्त हो रही है, और शांति समझौते का भविष्य अब बातचीत के बजाय सैन्य हस्तक्षेप पर निर्भर कर सकता है।