मलेशिया के प्रमुख उद्योगपति विनोद शेखर, जो पेट्रा ग्रुप के प्रमुख हैं, हाल ही में लंदन में एक हमले का शिकार हुए। यह घटना 11 अक्टूबर, 2025 को तब हुई जब वे अपनी बेटी के घर के पास थे। हमलावरों ने उनसे लूटपाट की, जिससे उन्हें मामूली चोटें आईं। विनोद शेखर एक प्रसिद्ध व्यवसायी होने के साथ-साथ एक परोपकारी व्यक्ति भी हैं, जो ‘सोशल कैपिटलिज्म’ के विचार को बढ़ावा देते हैं।
**व्यवसायी और परोपकारी**
विनोद शेखर का जन्म 1968 में कुआलालंपुर में हुआ था। उन्होंने अपने पिता, तान श्री बी.सी. शेखर, जो मलेशियाई रबर उद्योग के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, के नक्शेकदम पर चलते हुए अपना करियर शुरू किया। उन्होंने पेट्रा ग्रुप की स्थापना की, जो आज कई क्षेत्रों में एक बड़ा समूह बन गया है, जिसमें स्थायी उद्योग, मीडिया, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
**ग्रीन इनिशिएटिव्स और सोशल कैपिटलिज्म**
पेट्रा ग्रुप के तहत, शेखर ने ग्रीन रबर ग्लोबल जैसी पहलों का नेतृत्व किया है, जो पुराने टायरों को पर्यावरण के अनुकूल सामग्री में बदलने पर केंद्रित है। यह उनके ‘सोशल कैपिटलिज्म’ के दर्शन का एक प्रमुख उदाहरण है, जहाँ व्यावसायिक सफलता को समाज के उत्थान से जोड़ा जाता है। उन्होंने बच्चों की शिक्षा और विकास के लिए सितावानी फाउंडेशन जैसी संस्थाओं की भी स्थापना की है।
**परोपकारी कार्यों का विस्तार**
विनोद शेखर फाउंडेशन के माध्यम से, शेखर ने गरीबों, जरूरतमंदों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं।
**नेट वर्थ और पारिवारिक जीवन**
2009 में फोर्ब्स द्वारा उन्हें मलेशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में गिना गया था। उनकी पत्नी डॉ. विनी शेखर हैं और उनकी दो बेटियां, पेट्रा और तारा हैं।
**विवाद और जांच**
अपने सफल करियर के बावजूद, विनोद शेखर हाल के वर्षों में विवादों में भी रहे हैं। 2024 में, उन पर धोखाधड़ी और गलत बयानी के गंभीर आरोप लगे थे, जिसके चलते कानूनी कार्रवाई हुई। इससे पहले 2021 में, मलेशियाई एंटी-करप्शन कमीशन ने मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोपों की भी जांच की थी।