अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल के दिनों में चीन के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच एक आश्चर्यजनक नरम रुख अपनाया है। उन्होंने रविवार को स्पष्ट किया कि अमेरिका का इरादा चीन को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि उसकी मदद करना है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रति सम्मान भी व्यक्त किया।
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया पर यह कहते हुए वैश्विक चिंताओं को शांत करने की कोशिश की कि ‘सब ठीक हो जाएगा’। उन्होंने स्वीकार किया कि राष्ट्रपति शी ‘एक बुरे दौर’ से गुजर रहे हैं और जोर दिया कि न तो चीन और न ही अमेरिका अपने देश में आर्थिक मंदी चाहता है। उन्होंने अमेरिका की ओर से चीन को मदद की पेशकश की।
व्हाइट हाउस की ओर से भी इसी तरह का संदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि चीन की हालिया कार्रवाई अविश्वसनीय है, लेकिन यह अब इतिहास का हिस्सा है।
यह बयान चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी खनिजों पर निर्यात प्रतिबंध लगाने के बाद आया है, जिसने अमेरिका की जवाबी कार्रवाई की धमकी को और हवा दी थी। चीन ने ट्रम्प की 100% टैरिफ लगाने की धमकी के जवाब में कहा है कि यदि अमेरिका एकतरफा कदम उठाता है, तो चीन भी उचित उपाय करेगा। चीन ने यह भी स्पष्ट किया कि वे टैरिफ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन वे इसके लिए तैयार हैं।
इस बढ़ते व्यापारिक टकराव ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी है। निवेशकों में डर है कि यह पिछले वसंत के व्यापार युद्धों का दोहराव न बन जाए, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे के सामानों पर भारी शुल्क लगाए थे।
यह अनिश्चितता दक्षिण कोरिया में होने वाले आगामी ट्रम्प-शी शिखर सम्मेलन पर भी भारी पड़ रही है। यह बैठक कुछ ही हफ्तों में होने वाली थी, लेकिन चीन के निर्यात प्रतिबंधों के कारण ट्रम्प ने इसके आयोजन पर प्रश्नचिह्न लगा दिया था।