अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव शनिवार को तब और बढ़ गया जब डूरंड रेखा पर हुई भीषण झड़प में 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। यह घटना पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान के वरिष्ठ नेताओं पर किए गए हवाई हमलों के बाद हुई है।
अफगान रक्षा मंत्रालय के अनुसार, तालिबान बलों ने पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना की कई अग्रिम चौकियों पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप भारी जान-माल का नुकसान हुआ। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, “कुनार और हेलमंड प्रांतों में कई पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया गया है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि “पाकिस्तान की कुछ सैन्य सुविधाओं को भी नुकसान पहुंचा है” और “हथियारों और वाहनों का भी नुकसान हुआ है।”
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की भारत यात्रा के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है। मुत्तकी इस समय भारत में हैं और उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि भारत-अफगानिस्तान संबंध और आगे बढ़ेंगे।” यह यात्रा पाकिस्तान के प्रभाव को कम करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम के रूप में देखी जा रही है।
पाकिस्तान सेना की ओर से इस घटना पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, तालिबान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि झड़पें हुई हैं और यदि पाकिस्तान फिर से सीमा पार करता है तो वे कड़ा जवाब देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, “अगर विरोधी पक्ष फिर से अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है, तो हमारे सशस्त्र बल अपनी रक्षा के लिए तैयार हैं और कड़ा जवाब देंगे।”
यह घटना अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद को एक बार फिर उजागर करती है, जो वर्षों से दोनों देशों के लिए चिंता का विषय रहा है। दोनों देश अक्सर एक-दूसरे पर उग्रवादी समूहों को पनाह देने और समर्थन करने का आरोप लगाते रहते हैं। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य टकरावों में से एक है।