पाकिस्तान में शनिवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) की रिपोर्ट के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.0 दर्ज की गई। इस भूकंप की सबसे चिंताजनक बात इसकी कम गहराई है – मात्र 10 किलोमीटर। कम गहराई वाले भूकंप अक्सर ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं क्योंकि इनका प्रभाव सतह पर अधिक तीव्र होता है।
NCS ने अपने आधिकारिक ‘X’ हैंडल पर भूकंप के बारे में विस्तृत जानकारी दी। भूकंप 11 अक्टूबर 2025 को भारतीय समयानुसार रात 8:23:57 बजे आया। इसका केंद्र 31.19° N अक्षांश और 71.04° E देशांतर पर 10 किलोमीटर की गहराई में पाकिस्तान के भीतर स्थित था। यह भूकंपीय घटना क्षेत्र में लगातार हो रही हलचल का संकेत है।
यह घटना 5 अक्टूबर को हुए 4.6 तीव्रता के भूकंप के कुछ ही दिनों बाद हुई है, जिसने पाकिस्तान के एक अन्य हिस्से को प्रभावित किया था। उस भूकंप का केंद्र भी 10 किलोमीटर की गहराई पर ही था। यह बताता है कि यह क्षेत्र क्यों लगातार भूकंपों का सामना कर रहा है।
भूवैज्ञानिकों के अनुसार, उथले भूकंप (shallow earthquakes) गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक विनाशकारी साबित होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनकी ऊर्जा सतह पर आते-आते कम नहीं होती, जिससे जमीन कांपने की तीव्रता बढ़ जाती है। इसका सीधा असर इमारतों और बुनियादी ढांचे पर पड़ता है, जिससे क्षति और हताहतों की संख्या बढ़ने का खतरा रहता है।
पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति इसे भूकंपीय रूप से एक उच्च जोखिम वाला देश बनाती है। देश कई प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं पर स्थित है। यूरेशियन प्लेट, भारतीय प्लेट और अरब प्लेट के मिलन बिंदु पर होने के कारण, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे प्रांत विशेष रूप से भूकंपों के प्रति संवेदनशील हैं। पंजाब और सिंध जैसे क्षेत्र भी भारतीय प्लेट के किनारे होने के कारण पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान ने अतीत में भी बड़े और विनाशकारी भूकंपों का अनुभव किया है, जिनमें 1945 का 8.1 तीव्रता का बलूचिस्तान भूकंप सबसे प्रमुख है, जो देश के इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप था।