दक्षिणी लेबनान में शुक्रवार को इज़राइली वायुसेना द्वारा की गई हवाई कार्रवाई में कम से कम एक व्यक्ति की जान चली गई और दो अन्य घायल हो गए। इस घटना को लेकर दोनों पक्षों के बयान विरोधाभासी हैं। इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने दावा किया है कि उसने हिज़्बुल्लाह के उन ठिकानों पर हमला किया है जहाँ आतंकवादी समूह अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए इंजीनियरिंग उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा था। वहीं, हिज़्बुल्लाह समर्थित मीडिया और अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हमला एक ऐसे प्रदर्शनी स्थल पर हुआ जहाँ निर्माण में इस्तेमाल होने वाले भारी उपकरण बेचे जा रहे थे।
**आईडीएफ की आधिकारिक पुष्टि:**
आईडीएफ ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक बयान जारी कर कहा कि उत्तरी कमांड के नेतृत्व में उनकी सेनाओं ने ‘हिज़्बुल्लाह आतंकवादी संगठन के बुनियादी ढांचे’ को निशाना बनाया। बयान में कहा गया है कि इन ढांचों में ऐसे इंजीनियरिंग उपकरण रखे थे जिनका इस्तेमाल दक्षिणी लेबनान में हिज़्बुल्लाह द्वारा अपने आतंकवादी ठिकानों को फिर से खड़ा करने के लिए किया जा रहा था। इज़राइली सेना ने जोर देकर कहा कि हिज़्बुल्लाह लगातार लेबनान में अपने आतंकवादी ढांचे को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है और इस प्रक्रिया में वह लेबनानी नागरिकों को खतरे में डाल रहा है और उन्हें मानव ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। आईडीएफ के अनुसार, इन उपकरणों की मौजूदगी और हिज़्बुल्लाह की गतिविधियां ‘इज़राइल और लेबनान के बीच हुई समझ का उल्लंघन’ हैं, और वह ‘इज़राइल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई जारी रखेगा।’
**लेबनान से मिली अलग जानकारी:**
हिज़्बुल्लाह से जुड़े अल-मनार टीवी चैनल ने घटना का बिल्कुल विपरीत विवरण प्रस्तुत किया। चैनल के एक संवाददाता ने बताया कि ‘दुश्मन के युद्धक विमानों ने एक के बाद एक कई जोरदार हवाई हमले किए, जिसमें अल-नजारीया के पास स्थित एक प्रदर्शनी को निशाना बनाया गया, जहाँ बुलडोजर और उत्खनन यंत्रों की बिक्री हो रही थी।’ अल जज़ीरा ने भी इसी क्षेत्र, अल-नजारीया गांव, दक्षिणी लेबनान के सिडोन जिले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह स्ट्राइक ‘बुलडोजर और उत्खनन यंत्रों की बिक्री से जुड़ी एक प्रदर्शनी’ पर की गई थी। अल-मनार द्वारा जारी वीडियो फुटेज में हमले के बाद एक विशाल विस्फोट का मंजर देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए कुछ वीडियो में दूर से धुएं का गुबार उठता हुआ भी देखा गया, हालांकि इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।
**बयानों में भिन्नता का कारण:**
इज़राइल का लगातार यह आरोप रहा है कि हिज़्बुल्लाह अपनी सैन्य गतिविधियों के लिए नागरिक इलाकों और बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करता है। वहीं, हिज़्बुल्लाह और उसके समर्थक इजराइल पर जानबूझकर नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हैं। निर्माण और सैन्य कार्यों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के बीच अंतर महत्वपूर्ण हो जाता है। बुलडोजर और उत्खनन यंत्र जैसे उपकरण आम तौर पर नागरिक निर्माण के लिए होते हैं, लेकिन वे सुरंग खोदने या किलेबंदी बनाने जैसे सैन्य उद्देश्यों के लिए भी उपयोगी हो सकते हैं।
**वर्तमान तनाव का परिदृश्य:**
यह हवाई हमला इज़राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव और छिटपुट सीमा पार झड़पों के बीच हुआ है। इज़राइल जिन ‘इज़राइल और लेबनान के बीच की समझ’ का ज़िक्र कर रहा है, वह संभवतः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 से संबंधित है। इस प्रस्ताव ने 2006 के लेबनान युद्ध को समाप्त किया था और एक युद्धविराम स्थापित किया था। इस प्रस्ताव के अनुसार, हिज़्बुल्लाह को लिटानी नदी के दक्षिण में अपनी सैन्य मौजूदगी बनाए रखने की अनुमति नहीं है, हालांकि इस नियम के लागू होने और पालन को लेकर वर्षों से विवाद रहा है। सिडोन जिला, जहाँ यह हमला हुआ, दक्षिणी लेबनान में स्थित है, लेकिन यह पारंपरिक तौर पर हिज़्बुल्लाह के उन मजबूत गढ़ों से उत्तर की ओर है जो इज़राइल की सीमा के अधिक निकट हैं।