इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने 9 मई 2023 को हुए दंगों से जुड़े सभी आतंकवाद के मामले वापस ले लिए हैं। यह फैसला प्रांतीय गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के माध्यम से सार्वजनिक किया गया, जिसे खैबर पख्तूनख्वा कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हिंसा भड़क उठी थी।
पीटीआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर आग लगाई और सरकारी इमारतों पर हमले किए। जिन्ना हाउस और रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय (जीएचक्यू) को भी निशाना बनाया गया, जिससे काफी नुकसान हुआ। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में कई लोग घायल हो गए।
इस घटनाक्रम के कारण पीटीआई को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इमरान खान, शाह महमूद कुरैशी और यास्मीन राशिद सहित कई वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।
खैबर पख्तूनख्वा के महाधिवक्ता आमिर जावेद उत्मानखेल ने कहा कि 9 मई को दर्ज किए गए आतंकवाद के मामले राजनीति से प्रेरित थे और बिना किसी सबूत के दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की मंजूरी के बाद इन मामलों को वापस लेने का आदेश दिया। 9 मई की हिंसा से संबंधित 29 मामले आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे, जिनमें से कई को सबूतों की कमी के कारण अदालतों ने पहले ही खारिज कर दिया है।
इमरान खान को अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था। उन पर 150 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह वर्तमान में रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं।